गोरखपुर महिला अस्‍पताल में अल्‍ट्रासाउंड को लेकर गर्भवतियों का हंगामा

ब्यूरो,

गोरखपुर महिला अस्‍पताल में सोमवार को गर्भवतियों ने अल्‍ट्रासाउंड का टोकन नहीं मिलने को लेकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि 2 रेडियोलॉजिस्‍ट के एक साथ तबादले के चलते यहां की व्‍यवस्‍था चरमरा गई है।

गोरखपुर महिला अस्‍पताल में सोमवार को अल्‍ट्रासाउंड कराने पहुंचीं गर्भवतियों ने टोकन नहीं मिलने के लेकर हंगामा शुरू कर दिया। अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर दर्जनों की संख्या में गर्भवती और प्रसूताएं कतारबद्ध होकर खड़ी हो गई थीं। उन्‍होंने टोकन नहीं मिलने पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पाकर पहुंची कोतवाली पुलिस ने हंगामा कर रही गर्भवतियों को समझा बुझाकर मौके से हटाया। 

महिला अस्पताल से दो रेडियोलॉजिस्ट के एक साथ हुए तबादले के बाद अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था चरमरा गई है। एक रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे महज 25 से 30 अल्ट्रासाउंड ही किए जा रहे हैं। इससे आए दिन हंगामा हो रहा है। महिला अस्पताल में रोजाना करीब छह सौ गर्भवतियां और प्रसूताएं इलाज के लिए आती हैं।

पिछले दिनों रेडियोलॉजिस्ट डॉ. एमबी तिवारी और डॉ. एके झा के गैर जनपद तबादले के बाद रेडियोलॉजिस्ट डॉ.अनूप कुमार श्रीवास्तव ही अकेले अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। एक महिला रेडियोलॉजिस्ट घर में शादी समारोह होने के चलते अवकाश पर चल रही हैं।

प्राइवेट केंद्रों की चांदी
महिला अस्पताल में गर्भवतियों और प्रसूताओं का अल्ट्रासाउंड नहीं होने से अब प्राइवेट जांच केंद्रों की चांदी हो गई है। महिला अस्पताल से मायूस लौटने वाली अधिकांश गर्भवतियां व प्रसूताएं 800 से 1000 रुपये तक देकर बाहर अल्ट्रासाउंड करा रही हैं

सोमवार को सुबह 6 बजे से ही अल्ट्रासाउंड के लिए लाइन लग गई थी। 8 बजे रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अनूप कुमार श्रीवास्तव के पहुंचने के बाद कर्मचारियों ने सिर्फ 25 टोकन बांटे। घंटों से लाइन में खड़ी अन्य गर्भवतियों ने हंगामा शुरू कर दिया।

जिला अस्पताल में सोमवार को एआरवी (एंटी रेबीज इंजेक्शन) खत्म हो गई। जहां मरीजों को बैरंग लौटा दिया गया। इसको लेकर मरीजों व उनके तीमारदारों ने सीएमओ कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कर्मचारियों के समझाने पर वे घरों को लौट गए।

खजनी के भिउरी निवासी दयाराम, कसिहरा के हरीदर्शन, पिपराइच के प्रांजल, कुशीनगर के लक्ष्मण सहित करीब 36 से अधिक मरीज सोमवार सुबह करीब 6 बजे एआरवी लगवाने जिला अस्पताल पहुंच गए। इनमें कुत्ता, सियार, बन्दर आदि के काटे मरीज शामिल थे। इस दौरान कर्मचारियों ने एआरवी खत्म होने की जानकारी दी। जिसके बाद मरीज और तीमारदारों ने बवाल काटना शुरू कर दिया। 

कुछ देर बाद दर्जनों की संख्या में मरीज व तीमारदार सीएमओ कार्यालय के बाहर पहुंच गए और जमकर विरोध-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस दौरान मरीजों और तीमारदारों को समझाने के लिए अस्पताल के कर्मचारी आगे आए। कर्मचारियों ने बताया कि राजधानी के ड्रग कार्पोरेशन के वयर हाउस में भी एआरवी नहीं है।

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