ब्यूरो,
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 5 जिलों को जल्द हवाई उड़ानों की सुविधा मिलने जा रही है. शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में जनपद अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र में विकसित किए जा रहे हवाईअड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बीच अनुबंध हुआ.
राज्य सरकार करेगी एअरपोर्ट का विकास
एयरपोर्ट का विकास राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा सेवा प्रदाता के रूप में संचालन और प्रबंधन की सेवाएं प्रदान की जाएंगी. इस संबंध में सभी एयरपोर्टों की परिसंपत्तियों एवं पूंजीगत कार्यों का हस्तांतरण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को किया जा रहा है. एमओयू के बाद अब इन हवाईअड्डों के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया होगी और जल्द ही सभी 05 एयरपोर्टों से वायुसेवा शुरू हो जाएगी.
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत चयनित अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र में विकसित किए जा रहे हवाईअड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का सहयोग मिल रहा है. यह एयरपोर्ट ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए थे. यहां से एयर कनेक्टिविटी होने से इन क्षेत्रों के विकास को नये पंख लगेंगे.
उड़ान योजना से यूपी को मिला फायदा
प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई ”उड़ान” योजना से उत्तर प्रदेश को खूब फायदा मिला है. 2017 से पहले प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे. गोरखपुर और आगरा में आंशिक रूप से क्रियाशील एयरपोर्ट थे. तब 04 एयरपोर्ट से मात्र 25 गंतव्यों तक वायुसेवा उपलब्ध थी, आज 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं और 10 पर काम जारी है. आज 75 गंतव्यों तक वायुसेवा की सुविधा है.
एअर कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन को मिलेगी गति
2017 के पहले गोरखपुर से दिल्ली तक केवल एक फ्लाइट थी. आज 14 उड़ानें हैं. उत्तर प्रदेश जल्द 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बनने जा रहा है. वर्तमान में वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जबकि जेवर और अयोध्या में निर्माण जारी है. 25 करोड़ प्रदेशवासियों को बेहतर अच्छी वायुसेवा देना शासन का दायित्व है. हम इस दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं. वायुसेवा कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन संवर्धन को भी गति देने में उपयोगी है.