चीन से शिफ्ट होने वाली कंपनियों के लिए उत्तर प्रदेश लाने के लिए विशाल टाउनशिप बनाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह का प्रस्ताव तैयार कर जापानी उद्योगों के सामने रखेगी। इसके लिए 100 से 300 एकड़ तक जमीन अलग-अलग क्षेत्रों में चिन्हित कर ली गई है।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि जापान के निवेशकों की सुविधा के लिए उनके सारे उद्योग, आवासीय कालोनी, स्कूल आदि की सुविधा एक जगह मुहैया कराने पर विचार चल रहा है। जापानी हेल्पडेस्क बनाने के बाद अब जापान की कंपनियों को बताया जाएगा कि औरया के पास 500 एकड़ व कानपुर उन्नाव में 100 एकड़ की जमीन का उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि यूपी सरकार दूसरे देशों की निवेश नीतियों व रियायतों का अध्ययन करेगी। विदेशी निवेशकों को यहां लाने के लिए उन जैसी रियायते देने पर विचार किया जाएगा।
सतीश महाना ने बताया कि वह सरकारी विभागों से अनुरोध करेंगे कि वह अपने यहां सरकारी कैंटीन में स्वदेश उत्पाद ही उपलब्ध करवाएं। जैसा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अर्धसैनिक बलों की कैंटीन में स्वदेशी सामान उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की घोषणा के अनुरूप छह माह तक बिल्डरों से ब्याज व कर्ज नहीं वसूला जाएगा।
लाजिस्टिक व वेयरहाउस के लिए जमीन का कार्मिश्यिल रेट नहीं लिया जाएगा। इसके बजाए उन्हें औद्योगिक रेट का डेढ़ गुना ही देना होगा। उन्होंने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दायरे में आने वाले बिल्डर द्वारा जो कर्ज लिया गया है, उस पर लॉकडाउन अवधि में पड़ने वाला व अर्थ दंड माफ किया जाएगा। इस संबंध में प्राधिकरणों के सीईओ की कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। सतीश महाना ने बताया कि अभी तक उद्योगों को जीएसटी के आधार पर इंन्सेंटिव दिए जाते थे लेकिन इसमें कई विसंगतियां सामने आईं। जीएसीट की दर सामान पर अलग अलग होने के कारण ऐसा होता था। अब किसी उद्योग के पूंजीगत निवेश के आधार पर रियायतें दी जाएंग