मिशन यूपी: बीजेपी ने दो दिन 300 सीटों पर किया मंथन, 170 पर बनी सहमति

ब्यूरो,

भाजपा में यूपी विधानसभा के प्रत्याशी चयन को लेकर लगातार दूसरे दिन भी मेराथन मंथन चला। पार्टी सूत्रों की मानें तो तीन चरणों में शामिल सीटों को लेकर काफी हद तक सहमति बन चुकी है। कुछ सीटों को लेकर ही अभी कश्मकश बाकी है। इधर, प्रदेश के राजनैतिक हालात को देखते हुए पार्टी ब्रज और पश्चिम की सीटों पर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। 

गुरुवार को होने वाली पार्टी संसदीय दल की बैठक में शुरुआती दो चरणों के प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सूची आने में एकाध दिन का विलंब भी हो सकता है। यूपी विधानसभा का चुनाव सात चरणों में होना है। भाजपा ने चरणवार प्रत्याशियों की सूची जारी करने का फैसला किया है। प्रत्याशी चयन के बीच ही दो मंत्रियों सहित कई विधायकों के इस्तीफे ने पार्टी नेताओं को पहले डैमेज कंट्रोल शुरू करने को मजबूर किया। 

दिल्ली में पार्टी के मुख्यालय में गुरुवार तक करीब 300 सीटों को लेकर चर्चा पूरी होने की खबर है जबकि करीब पौने दो सौ सीटों पर चेहरे भी लगभग तय हो चुके हैं। उन पर अंतिम मुहर गुरुवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे से प्रस्तावित पार्टी संसदीय दल की बैठक में लगने की उम्मीद है। हालांकि उन्हें एक साथ घोषित नहीं किया जाएगा।

पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर बड़ी संख्या में चेहरे बदलने की तैयारी में है। खराब प्रदर्शन करने वाले कुछ विधायकों और मंत्रियों का या तो टिकट कटेगा या कुछ के क्षेत्र बदले जाने का संभावना है। गुरुवार को हुई बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाने की तैयारी है। यदि योगी की सहमति से पार्टी संसदीय बोर्ड इस पर मुहर लगाता है तो उनका नाम पार्टी की पहली सूची में शामिल हो सकता है। हालांकि योगी पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी जहां से कहेगी वे चुनाव लड़ने को तैयार हैं।

भाजपा के सहयोगी दल अपना दल से भी सीटों को लेकर चर्चा की गई। अनुप्रिया पटेल गुरुवार को भाजपा मुख्यालय पहुंचीं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना दल को 11 सीटें दी थी, जिसमें से उसने नौ पर जीत दर्ज की थी। इस बार अपना दल पहले से ज्यादा सीटें चाहता है।

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