भारत की दवा सच में संजीवनी है? 2000 कोरोना मरीजों पर अमेरिका में हो रहा ट्रायल

अमेरिका ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से संक्रमित 2000 लोगों पर मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के परीक्षण शुरू कर दिए हैं, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना का संभावित इलाज माना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।   ‘जिन मरीजों पर परीक्षण किये जा रहे हैं, उनमें सार्स-सीओवी-2 वायरस के संक्रमण पाये गए हैं, जो कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार माना जाता है और जिसके कारण बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत होती है।’ एनआईएच के अनुसार, इस परीक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों को हाइड्रोक्लोरोक्वीन या एजीथ्रोमाइसिन की डोज दी जाएंगी।  एचआईवी से ग्रसित मरीज और गर्भवती महिलाएं भी इस शोध में हिस्सा ले सकते हैं। एनआईएच ने बताया कि पहला प्रतिभागी कैलिफोर्निया राज्य से है।  इस परीक्षण के द्वितीय चरण में दवाइयों के असर करने के बारे में पता लगता है जबकि पहले चरण में उनके सुरक्षित होने से संबंधित जानकारी प्राप्त होती है। 

एनआईएच के एलर्जी और संक्रमित विभाग संस्थान के निदेशक एंथनी फाउकी ने विज्ञप्ति में बताया कि मौजूदा दवाओं को फिर से तैयार करना एक आकर्षक विकल्प है क्योंकि इन दवाओं का व्यापक परीक्षण हुआ है, जिससे इनके परीक्षण में तेजी से मंजूरी आई है। बता दें कि अमेरिका ने भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बड़ी खेप मंगाई है।

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