ब्यूरो,
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने जारी बयान से पलटा एडीआर
दिनांक : 27-12-2021
दिनांक 24 दिसम्बर को एडीआर/यूपी इलेक्शन वाच के द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन लखनऊ प्रेस क्लब में किया गया था। इस प्रेस कान्फ्रेस में एडीआर/यूपी इलेक्शन वाच के द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के 396 वर्तमान विधायकों के 2017 में दिये गये शपथपत्रों के विश्लेषण के आधार पर रिर्पोट जारी की थी। जिसमें 396 में 45 (12 प्रतिशत) ऐसे विधायक है, जिनके ऊपर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (Representation of the people Act, 1951) की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत आने वाले अपराधों के लिए न्यायालय द्वारा आरोप तय किए गए है।
एडीआर एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष संगठन है, जो 2002 से भारत में चुनाव सुधार के लिए स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहा है। एडीआर की सूचनाओं का आधार भारत निर्वाचन आयोग की साइट पर उपलब्ध शपथपत्रों के ऊपर आधारित है। 24 दिसम्बर को लखनऊ में जो प्रेस कान्फ्रेस की गई थी, उसमें 2017 के शपथपत्रों के आधार पर ही आपराधिक मामलों का विश्लेषण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(1) के अन्तर्गत किया गया है। मीडिया में जो खबरे छपी है, उसमे चुनाव ना लड़ पाने जैसे शीर्षक प्रकाशित हुये है। चुनाव लड़ने के सन्दर्भ में निर्णय माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं चुनाव आयोग की परिधि में आते है। यह निर्णय इन सर्वोच्च संस्थाओं का है। एडीआर की रिर्पोट का चुनाव लड़ने से या रोकने से कोई सरोकार नहीं है, कुछ लोग इस रिर्पोट को आधार बनाकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे है। इस तरह के प्रयासों की एडीआर घोर निंदा करता है।
संतोष श्रीवास्तव
एडीआर/यूपी इलैक्शन वाच
9839910210