क्राइम ब्रांच की टीम ने मकरज प्रबंधन से जुड़े छह बड़े पदाधिकारियों और करीब 175 जमातियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं। इस पूछताछ में मौलाना साद के साथ नामजद मरकज प्रबंधन से जुड़े लोग भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार ज्यादातर जमातियों का जवाब यही था कि वे मौलाना साद से वह इस कदर प्रभावित हैं कि उनके हर निर्देश का पालन करते हैं। क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो मौलाना साद के बेटों, रिश्तेदारों और जानकारों से भी पूछताछ कर उनके भी बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस ने जिन जमातियों के बयान दर्ज किए हैं, उनमें से ज्यादातर वो लोग हैं, जो जमात के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मकरज में आकर ठहरे थे।
क्राइम ब्रांच ने मरकज पहुंचे 1900 विदेशी मूल के जमातियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किए थे, ताकि बिना जांच के वे अपने मुल्क वापस न जा सकें। इसके बाद दिल्ली समेत देश के जिन इलाकों में विदेशी जमाती पकड़े गए, वहां की एजेंसियों ने इनके पासपोर्ट सहित सभी दस्तावेज जब्त कर क्राइम ब्रांच को इत्तला दी। क्राइम ब्रांच इनके दस्तावेजों की जांच कर और इनसे पूछताछ कर यह जानना चाहती है कि आखिरकार इन्होंने किस आधार पर वीजा हासिल किया था। वीजा दिलाने में किसने मदद की और कितने विदेशी जमातियों ने वीजा नियम का उल्लंघन किया। जांच टीम के सूत्रों का कहना है कि जांच से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को भेजी गई है।
मौलाना साद ने अभी तक सरकारी अस्पताल से अपना कोविड-19 परीक्षण नहीं कराया है। माना जा रहा है कि पुलिस द्वारा सरकारी एजेंसी से जांच कराने के बाद ही उसकी जांच की जाएगी, इसलिए वह इस मेडिकल प्रोटोकॉल का फायदा उठाते हुए जांच से बच रहा है। इस पैंतरेबाजी को देखते हुए क्राइम ब्रांच जांच कर सबूत इकट्ठे कर उसे घेरने की तैयारी में है।