ब्यूरो,
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसा। उन्होंने नाम लिए बगैर उन्हें ‘जिन्ना का अनुयायी’ बताकर हमला बोला। कहा कि जिन्ना के अनुयाइयों को प्रदेश की जनता सबक सिखाने को तैयार है। उधर, अखिलेश यादव ने जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास को धोखा बताते हुए कहा कि जल्द ही ये भी बिक जाएगा।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की आधारशिला रखी। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि यहां के किसानों ने कभी गन्ने की मिठास बढ़ाने का काम किया था, लेकिन कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल दिया था। ये वही लोग थे जो आज जिन्ना के अनुयायी बने हुए हैं, जिन्हें यहां की जनता सबक सिखाने को तैयार है।
बता दें कि हाल ही में अखिलेश ने भारत विभाजन के जिम्मेदार और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पं नेहरू से करते हुए कहा था कि आजादी की लड़ाई में जिन्ना की भी प्रमुख भूमिका थी। भाजपा और कांग्रेस ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुए इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया है। योगी ने प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा तेज किए गए विकास कार्यों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि देश के नागरिकों ने एक बदलते हुए भारत को देखा है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को बनते देखा है। उन्होंने इसे विकास का यज्ञ बताते हुए कहा कि नोएडा एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले किसान बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा, मैं उन 700 किसानों का भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने बिना किसी दबाव के खुद ही लखनऊ आकर एयरपोर्ट के लिए अपनी जमीन दी थी। ये बदले हुए प्रदेश की तस्वीर है। कार्यक्रम में केन्द्रीय नागरिक उड्ययन मंत्री ज्योतिरादत्यि सिंधिया, उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केन्द्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह सहित अन्य कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नई उड़ान देगा। इससे एनसीआर, पश्चिमी यूपी के जिलों मेरठ, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, आगरा, शामली, हापुड़ के लोगों को विदेशों में जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रुख नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल इन जिलों से हवाई उड़ान के लिए लोगों को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) का रुख करना पड़ता है। इसमें काफी समय खर्च होता है। इन जिलों से दिल्ली तक पहुंचने में करीब दो से तीन घंटे का समय लगता है। मेरठ के खेल उद्यमी, सर्राफा कारोबारी, हैंडलूम व्यापारी, बुलंदशहर के पॉटरी कारोबारी, मुजफ्फरनगर के गुड़ मंडी के लोगों को भी देश-विदेश के लिए सीधी उड़ान नहीं मिल पाती है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से वेस्ट यूपी के एक दर्जन से अधिक जिलों को सीधा लाभ होगा। विकास की रफ्तार तेज होगी। मेरठ में आईटी सेक्टर, खेल और ज्वेलरी उद्योग को चार चांद लग जाएंगे।
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा। पहले चरण का कार्य पूर्ण होने के बाद पहली उड़ान सितंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य है। इससे दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड भी काफी कम हो जाएगा। उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है, जबकि हिंडन से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 65 किमी है। वहीं मेरठ, बुलन्दशहर से यह 50 किमी. के दायरे में आ जाएगा।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ ही रैपिड रेल से भी होगी। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। पहले चरण में दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीट्यूट, होटल-शॉपिंग मॉल, कन्वेंशन सेंटर बनाने की भी योजना है। इससे करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि अन्य कारोबारी सहित किसानों के भी दिन बहुरेंगे। करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।