डेंगू के खतरे से रहें सावधान, गर्भवती व गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान

ब्यूरो,

डेंगू के खतरे से रहें सावधान, गर्भवती व गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान
• गर्भवती के लिए ज्यादा घातक होता है डेंगू
वाराणसी पंडित दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रश्मि सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। गर्भवती के लिए खास तौर पर अंतिम तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान वायरस का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन तीन महीने उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डेंगू का संक्रमण गर्भवती के लिए काफी घातक हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती में रक्तश्राव का खतरा रहता है और यह स्थिति उसे गर्भपात तक ले जा सकती है। इतना ही नहीं प्रसव के दौरान अधिक रक्तश्राव भी हो सकता है और जन्म के बाद बच्चे में भी डेंगू का वायरस ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए गर्भवती को डेंगू से अलर्ट रहना चाहिए।
क्या होता है डेंगू-
डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। साफ और ठहरे हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इन्हीं दिनों डेंगू का कहर भी बढ़ता है। गड्ढे, नाली, कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए पानी में डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं।
इस तरह बरतें सावधानी-
घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ रखें जहां भी पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, कूलर, नालियां। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है। फुल पैंट और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। जिससे मच्छर आपको काट न सकें। पार्क या ऐसी जगह न जाएं, जहां मच्छर होने की आशंका हो।
डेंगू के लक्षण-
तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द व बार-बार उलटी होना, सांस लेने में तकलीफ, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, आंखें लाल होना, कमजोरी और चिड़चिड़ापन, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग भी बदल जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं ।
डेंगू की आशंका होने पर क्या करें-
वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह के अनुसार गर्भवती को यदि डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। देरी होने से महिला व उसके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। डाक्टर के सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।

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