बिहार के लखीसराय जिले के किऊल स्टेशन के टिकट काउंटर पर गुरुवार की सुबह एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया है। प्रसूता के जन्म से पूर्व तीन बार एंबुलेंस के लिए फोन किया गया, लेकिन न तो एंबुलेंस पहुंचा और न ही स्वास्थ्य विभाग ने सुध ली। नतीजतन टिकट काउंटर के पास ही कुछ महिलाओं के सहयोग से प्रसव कराया गया। हालांकि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं। मुंगेर जिले के धरहरा बंगलवा निवासी मौजी मांझी अपनी पत्नी व तीन बच्चों के साथ किऊल में ही लॉकडाउन के पहले से फंसा है। पत्नी गर्भवती होने के कारण चल पाने में असमर्थ थी, इसलिए वे लोग लॉकडाउन के बाद से यहीं रह गए। नवनिर्मित टिकट काउंटर पर ही किसी तरह दिन काट रहे थे। कुछ दिनों पहले एक आंगनबाड़ी सेविका ममता कुमारी की नजर जब गर्भवती महिला पर पड़ी तो उन्होंने अपना फोन नंबर उनके पति को दे दिया, ताकि प्रसव के दौरान वे उनका सहयोग कर सकें। गुरुवार की अहले सुबह चार बजे जब गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराहने लगी तो पति ने आंगनबाड़ी सेविका को फोन किया।
जानकारी मिलने पर सेविका वहां पहुंची और तुरंत एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन यह कहकर एंबुलेंस वालों ने आने से मना कर दिया कि पहले सारी प्रक्रियाएं पूरी करानी होगी, आधार कार्ड का डिटेल देना होगा। तत्काल यह प्रक्रिया पूरी न हो पाने की स्थिति में एंबुलेंस वाले भी नहीं आए। इस पर उन्होंने अन्य महिलाओं के सहयोग से खुद प्रसव कराया। ममता ने बताया कि ऐसे मामलों में अस्पताल प्रशासन को मानवता दिखाते हुए जिम्मेवार बनना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्थिति यह है कि दोपहर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम सुधी लेने तक नहीं पहुंची।