71560 महिलाओं को मिला प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

ब्यूरो,

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : जनपद की 71560 महिलाओं को मिला लाभ


• पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
• लाभार्थियों ने योजना को सराहा, कहा – आशा कार्यकर्ता व संगिनी ने की सहायता
• पीएमएमवीवाई के हेल्प लाइन नम्बर 7998799804 पर भी कर सकते हैं संपर्क

वाराणसी जनपद सहित प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की शुरुआत जनवरी 2017 से हुई थी। अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई, एक ऐसी योजना है जिसमें पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किश्तों में 5000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में दिए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। जनपद में साल 2017 से अब तक 71560 महिलाओं को योजना का लाभ मिला चुका है।

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये – एसीएमओ एवं योजना के नोडल अधिकारी डॉ एके मौर्य ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं । पहली किश्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है। दूसरी किश्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने पर प्रदान की जाती है । दूसरी किश्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं। तीसरी किश्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुयी है । पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा ।

उपलब्धियां – अराजीलाइन में 8,821 (108%), बड़ागांव में 6,418 (113%), चिरईगांव में 7,434 (110%), चोलापुर में 5790 (94%), हरहुआ में 7,490 (108%), काशी विद्यापीठ में 6,521 (111%), पिंडरा में 7,524 (105%), सेवापुरी में 6,913 (115%), शहरी क्षेत्र में 13,857 (34%) महिलाओं को योजना का लाभ पहुँचाया गया है | जनवरी 2017 से 27 अक्टूबर 2021 तक जनपद में 71,560 (70%) लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है । योजना के तहत जिले में अब तक करीब 28.65 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकृत किया जा चुका है। इस उपलब्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर क़ाबिज़ है।

यह कहना है लाभार्थियों का –
1- ब्लॉक बड़ागांव निवासी सरिता (24) बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें तीन हजार रुपए प्राप्त हुए जिससे उन्हें पोषण में बहुत सहयोग मिला। उन्होने कहा कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है, जिससे हम अपने खान-पान का अच्छी तरह से ख्याल रख सकते हैं। इसमे आशा कार्यकर्ता सुमन बेगम और आशा संगिनी उषा देवी ने काफी सहायता की।
2- पिंडरा ब्लॉक की पूनम (23) बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किस्तों में पांच हजार रुपए मिले जिससे समुचित पोषण में लाभ मिला। इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं। इसके लिए उन्होने अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता संगीता देवी व आशा संगिनी कावेरी को भी धन्यवाद दिया, जिनकी वजह से उन्हें योजना का लाभ मिल सका।

कैसे मिलेगा योजना का लाभ – जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है।

पीएमएमवीवाई का हेल्प लाइन नम्बर 7998799804 भी जारी किया गया है। कोई भी लाभार्थी उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो वह अपने नजदीकी ब्लाक के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षक व बीसीपीएम तथा बीपीएम से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

फोन पर कोई भी लाभार्थी न बताये खाता संख्या या ओटीपी – फोन पर यदि कोई ब्यक्ति किसी तरह का खाता का डिटेल या ओटीपी मांगे तो कोई भी लाभार्थी कदापि न दें, क्योंकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है।

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