ब्यूरो,
यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को मिलावटी खून की सप्लाई करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में ब्लड से भरे पैकेट बरामद हुए हैं। एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार हुए सप्लायर में 1 डॉक्टर भी शामिल है।
आगरा एक्सप्रेस-वे के पास से गिरफ्तार डॉ. अभय प्रताप सिंह और अभिषेक पाठक के पास से भारी मात्रा में खून के पैकेट बरामद हुए हैं। एसटीएफ की टीम ने बताया कि डॉ. अभय प्रताप सिंह रायबरेली रोड स्थित डेंटल कॉलेज के पास का रहने वाला है, जोकि इटावा स्थित यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल कॉलेज सैफई में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर तैनात है। वहीं, डॉ. अभय का साथी अभिषेक सिद्धार्थनगर का रहने वाला है।
देश के कई राज्यों में फैला था नेटवर्क-
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में रक्तदान शिविरों में दिए गए खून को लेकर लखनऊ आ रहे थे। इन राज्यों के अलावा अन्य राज्यों से भी इसी प्रकार खून लाने का काम करते थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से एक गत्ते में 45 यूनिट खून मिला। वहीं, जब आरोपियों की निशानदेही पर उनके फ्लैट पर छापेमारी की गई तो वहां घरेलू प्रयोग में लाई जाने वाली फ्रिज के अंदर से 55 यूनिट खून बरामद हुआ। साथ ही टीम को आरोपियों के पास से 21 कूटरचित ब्लड बैंकों के प्रपत्र, दो रक्तदान शिविर का बैनर, एक लग्जरी कार, एक यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज सैफई का पहचानपत्र, 5 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड, दो पैन कार्ड, एक डॉक्टर मेंबरशिप कार्ड और 23,830 रुपये की नकदी बरामद हुई है।
जांच के घेरे में आए कई ब्लड बैंक-
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के एसटीएफ की टीम ने कड़ाई से पूछताछ की। जिसमें दोनों ने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के नामों के साथ कई बड़े खुलासे किए हैं। एसटीएफ की पूछताछ में उन्होंने राजधानी लखनऊ के कई नामी अस्पतालों में मिलावटी खून सप्लाई करने का दावा किया है। जिसके बाद लखनऊ के अवध हॉस्पिटल आलमबाग, वर्मा हॉस्पिटल काकोरी, काकोरी हॉस्पिटल, लखनऊ निदान ब्लड बैंक, बंथरा और मोहनलालगंज स्थित अस्पताल, सुषमा हॉस्पिटल के अलावा कई अन्य अस्पताल भी जांच के घेरे में आ गए हैं।