ब्यूरो,
कायस्थ समाज को पिछड़े वर्ग में शामिल किया जाय — डॉ इंद्रसेन
लखनऊ : अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुबोधकांत सहाय एवं महामंत्री श्री विस्वविमोहन कुलश्रेष्ठ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश कायस्थ महासभा ने कायस्थ जाति को ओबीसी/पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिए जाने की पुरज़ोर मांग की है । इस विषय में कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री इन्द्रसेन श्रीवास्तव जी के नेत्र्तव में प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संदर्भित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री जसवंत सैनी को उनके कार्यालय में सौंपा । इस पत्र में महासभा ने बताया कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, कायस्थ समाज का सबसे पुराना व एकमात्र सर्वमान्य प्रतिनिधि संगठन है । महासभा के अध्यक्ष श्री इन्द्रसेन श्रीवास्तव जी ने बताया कि कायस्थ जाति को ओबीसी/पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने के विषय को लेकर कायस्थ समाज के बीच जनमत संग्रह कराया गया । जिससे प्राप्त बहुमत के परिणाम के आधार पर महासभा ने आयोग के समक्ष कायस्थ समाज को ओबीसी/पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिए जाने की मांग की है ।
कायस्थ समाज को भी ( 39 जातियों ) ओबीसी में शामिल किए जाने को लेकर मा० आयोग द्वारा विचार किए जाने की खबर का अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने स्वागत करते हुए कहा कि उक्त विचार का पूर्ण रुप से महासभा समर्थन करती है । जैसा कि सर्वविदित है कि कायस्थ जाति लंबे समय से सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनैतिक रूप से निरंतर अवनति की ओर जा रही है, जो कि इस जाति को ओबीसी में लिए जाने के विचार को तथ्यपरक, तार्किक, मजबूत व न्यायसंगत आधार प्रदान करने के लिए पर्याप्त है ।
7 सूत्रीय ज्ञापन की मांग निम्नवत है :-
- आपको अवगत कराना है कि वर्तमान समय में कायस्थ जाति के पास आय का कोई स्थाई साधन नहीं है, कायस्थ समाज के लिए केवल प्राइवेट सेक्टर की नौकरियां ही इस जाति की जीविका का एकमात्र साधन है ।
- सरकारी नौकरियों में कायस्थ समाज के साथियों की संख्या अब लगभग शून्य के समान है ।
- कायस्थ समाज के पास न खेती है और ना ही कोई पैतृक पारिवारिक व्यापार का आधार ।
- कायस्थ जाति का राजनीति में भी प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है ।
- कायस्थ जाति आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पाने में भी असमर्थ है ।
- कायस्थ जाति का अपना कोई राजनीतिक आधार ना होने के कारण उसकी समस्याओं को प्रभारी स्वर नहीं मिलता ।
- उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए अनुरोध है कि कायस्थ जाति को ओबीसी आरक्षण के दायरे में लिए जाने का प्रस्ताव अपनी संस्तुति सहित उत्तर प्रदेश सरकार को स्वीकृत हेतु अग्रसारित करने की कृपा करें, आपके सहयोग के लिए कायस्थ समाज आपका सदैव आभारी रहेगा ।
प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री इन्द्रसेन श्रीवास्तव जी, महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री रमेश श्रीवास्तव जी, प्रदेश उपाध्यक्ष वी०के श्रीवास्तव, कायस्थ महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अल्पना श्रीवास्तव जी, कायस्थ महासभा के विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास बक्शी जी, प्रदेश सचिव/मीडिया प्रभारी नितिन श्रीवास्तव जी, अधिवक्ता अलोक श्रीवास्तव जी व् विनय श्रीवास्तव जी मौजूद रहे ।