ब्यूरो नेटवर्क
लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए पशुपति कुमार पारस ने बिहार की सियासत में नया दांव चला है। पशुपति पारस ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष को अपनी पार्टी (लोजपा-पारस गुट) में शामिल होने का ऑफर दे दिया। पारस ने कहा कि जगदानंद सिंह काफी वरिष्ठ नेता हैं। उनका सम्मान होना चाहिए। वह हमारे दल में आ जाएं तो अच्छी और खुशी की बात होगी।
दरअसल, जगदानंद सिंह को लेकर राष्ट्रीय जनता दल काफी दिनों से कानाफूसी चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से उनकी नाराजगी की खबरें आती रहती हैं। इस बीच जगदानंद सिंह मंगलवार को भी पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे। उनकी गैर मौजूदगी में कार्यालय आए लालू यादव के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने जगदानंद सिंह की नाराजगी की खबरों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि यह सब सिर्फ मीडिया का परसेप्शन है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि पार्टी ऑफिस नहीं आने का यह मतलब तो नहीं कि कहीं कोई नाराजगी है। यह बिल्कुल ठीक नहीं है। कोई व्यक्तिगत कारण भी हो सकता है। उधर, लोजपा-पारस के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि जगदानंद सिंह के साथ तेजप्रताप यादव ने जो किया उसकी हम भर्त्सना करते हैं। वह हमारी पार्टी में आ जाएं तो अच्छी और खुशी की बात होगी। लेकिन यह भविष्य की बात है।
गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने जगदानंद सिंह को ऑफर दिया था। ‘हम’ने कहा था कि जगदानंद सिंह आ आ जाएं तो पार्टी उनको पूरा मान-सम्मान देगी। कहा जा रहा है कि जगदानंद सिंह पिछले दिनों युवा राजद के एक कार्यक्रम में तेज प्रताप यादव द्वारा दिए गए बयान के बाद से ही नाराज चल रहे हैं। तब तेज प्रताप ने कहा था कि लोगों को समझना चाहिए कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं है। आज किसी के पास है तो कल किसी और के पास होगी। कुछ लोग हिटलर बने हुए है। जगदानंद सिंह पिछले कुछ दिनों से पार्टी कार्यालय नहीं जा रहे हैं। इससे पटना की सियासत में उनकी नाराजगी की चर्चाएं तेज हो गई हैं।