ब्यूरो,
राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस से पहले शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग चल रही है। सूत्रों के अनुसार, मीटिंग का एजेंडा स्वतंत्रता दिवस सुरक्षा और एजेंसियों द्वारा शेयर किया गया ताजा खुफिया अलर्ट है।
ताजा अलर्ट के अनुसार, असामाजिक तत्व और खालिस्तानी आंदोलन के प्रति वैचारिक झुकाव रखने वाले लोग दिल्ली पुलिस के जवानों के वेश में लाल किले की सुरक्षा में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं। इसके साथ ही दिल्ली में धार्मिक स्थलों पर कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने का प्रयास किया जा सकता है।
दिल्ली पुलिस के (PRO) चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी लाल किले और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख हमारे और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समन्वित तरीके से की जाएगी। 15 अगस्त के मद्देनजर लाल किला और उसके आसपास, सभी बॉर्डरों पर और पूरी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया गए हैं। देश विरोधी और शरारती तत्वों को कोई भी मौका न मिले इसके लिए पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों द्वारा व्यापक बंदोबस्त किया गया है। इस स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी तरह की हवाई वस्तु और गुब्बारे उड़ाने की अनुमति नहीं है।
दिल्ली में चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजामों के बीच दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा कारणों के चलते लाल किले के मुख्य द्वार पर कंटेनरों की एक विशाल दीवार खड़ी कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस ने इस तरह की ऊंची दीवार खड़ी की गई है। इन कंटेनरों को इस तरह से रखा गया है कि कोई भी व्यक्ति मुगल काल के इस परिसर के अंदर न देख सके। प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
गौरतलब है कि इस साल, गणतंत्र दिवस पर कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारी जबरन लाल किले में घुस गए थे। यहां तक कि उन्होंने किले की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा भी लगा दिया था, जहां से प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराते हैं। किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुई थीं। इस हिंसा में कुल 394 पुलिस कर्मी घायल हुए थे, जबकि 30 पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।