ब्यूरो,
फ्रेंडशिप डे पर हरियाणा से तीसरे मोर्चे का ताना-बाना बुना गया और इसके सूत्रधार बने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लंच पर बुलाया और बंद कमरे में दोनों दिग्गजों की चर्चा हुई। इस दौरान जदयू के महासचिव डा. केसी त्यागी भी मौजूद थे। ओमप्रकाश चौटाला चाहते हैं कि नीतीश कुमार तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करें। सियासत के इन दो माहिर खिलाडि़यों की मुलाकात से राजनीति गर्मा गई है। चौटाला ने भी इससे संकेत दे दिए हैं कि जेल से रिहा होने के बाद वह चैन से नहीं बैठने वाले हैं।
हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला तीसरे मोर्चे के ‘मिशन’ में जुटे, चाहते हैं नीतीश कुमार नेतृत्व करें।
दरअसल, राजनीति में कोई मुलाकात शिष्टाचार वश नहीं होती, यह बात अलग है कि बताई शिष्टाचार भेंट ही जाती है। हर मुलाकात का कोई न कोई मतलब होता है, उसमें मंतव्य छिपा होता है। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रविवार को हुई मुलाकात को भी इसी राजनीतिक मंतव्य की एक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी माने जाने वाले दोनों मित्र नेता बंद कमरे में घंटों साथ रहे। भोजन भी हुआ और राजनीति पर चर्चा भी। चौटाला की रणनीति है कि उनकी तीसरे मोर्चे की परिकल्पना को साकार करने के लिए नीतीश कुमार उसका नेतृत्व करें। हालांकि नीतीश ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
ओमप्रकाश चौटाला के निवास पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
हरियाणा के पांच बार सीएम रहे चौटाला की 25 सितंबर को तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान करने की योजना
नीतीश कुमार इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के गुरुग्राम स्थित आवास पर मिलने पहुंचे। जनता दल (यू) के महासचिव डा. केसी त्यागी इस मुलाकात के सूत्रधार बने। जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में 10 साल की सजा पूरी कर चौटाला जब जेल से बाहर आए तो केसी त्यागी उनसे मिलने गए थे। उस समय चौटाला की बाजू में फ्रैक्चर था। केसी त्यागी और चौटाला ने उस समय साथ-साथ भोजन किया और दोनों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। त्यागी ने वहीं फोन पर चौटाला से नीतीश कुमार की बात कराई। उसी समय नीतीश कुमार ने चौटाला का भोजन का निमंत्रण स्वीकार कर लिया था। तब संभावना जताई जाने लगी थी कि सरकारें बनाने और बिगाड़ने में माहिर चौटाला जेल से बाहर आने के बाद चैन से बैठने वाले नहीं हैं।
नीतीश कुमार और ओमप्रकाश चौटाला ने मुलाकात का दिन भी बहुत सोच-समझकर रखा। रविवार को फ्रेंडशिप डे था। नीतीश कुमार अपने पुराने दोस्त के लिए शाल लेकर आए। नीतीश बाबू ने चौटाला को शाल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया तो अभिभूत चौटाला ने नीतीश कुमार को अपने हाथों से भोजन परोसा। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला और जनता दल नेता केसी त्यागी भी मित्रता दिवस पर हुई इस बड़ी राजनीतिक मुलाकात के गवाह बने। अभय के बेटे करण चौटाला ने नीतीश कुमार की अगुआनी की। अलग पार्टी बनाने से पहले यह काम दुष्यंत चौटाला किया करते थे।
केसी त्यागी से मुलाकात के बाद चौटाला ने जिस दमखम के साथ यह बयान दिया था कि वह भाजपा व कांग्रेस के विरुद्ध तीसरे मोर्चे का गठन करना चाहते हैं, तभी लग रहा था कि चौटाला कुछ ऐसा करेंगे, जिसके जरिये न केवल इनेलो के काडर बेस कार्यकर्ता को दोबारा पार्टी में पूरी मजबूती के साथ जोड़ा जाए। साथ ही पोते दुष्यंत चौटाला के जननायक जनता पार्टी बनाकर भाजपा के साथ खड़ा होने के फैसले पर भी सवाल उठाए जा सकें।
चौटाला अपने पोते दुष्यंत की ज्यादा चर्चा भी नहीं करना चाहते, लेकिन परिवार और पार्टी में बिखराव से हुए नुकसान की भरपाई में पूरा दमखम लगा देना चाहते हैं। तीसरे मोर्चे के गठन की तैयारी चौटाला की इसी रणनीति का हिस्सा है।चौटाला को अपने पुराने साथियों और ताऊ देवीलाल के मित्रों पर बड़ा भरोसा है। चौटाला हर बार की तरह इस बार भी स्व. देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर को राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन करने वाले हैं। यह आयोजन जींद, गुरुग्राम, हिसार या सिरसा में कहीं हो सकता है।
चौटाला का दावा है कि तीसरे मोर्चे के गठन के लिए तमाम विपक्षी दलों के नेताओं स. मुलाकात के बाद वह इसी जयंती समारोह में तीसरे मोर्चे के गठन का विधिवत ऐलान कर देंगे। इससे पहले उनकी ममता बैनर्जी, अरविंद केजरीवाल, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती के साथ मुलाकात होनी है। तीसरे मोर्चे के गठन का ऐसा ही प्रयास चौटाला के पगड़ी बदल भाई पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल कर रहे हैं।
चौटाला की इन विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात के क्या नतीजे रहने वाले हैं, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन बदली रणनीति के तहत चौटाला चाहते हैं कि नीतीश कुमार को तीसरे मोर्चे की बागडोर सौेंपी जाए। नीतीश इस प्रस्ताव को मानते हैं या फिर लटकाकर रखते हैं, यह हालांकि उनकी अपनी रणनीति पर निर्भर करेगा, लेकिन तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाएं तलाश रहे चौटाला के पास अपने कार्यकर्ताओं को फिर से जोड़े रखने का बड़ा जरिया जरूर मिल गया है।” लोगों ने आज नरेंद्र मोदी को पीएम बनाया और वह अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन देश में कुछ ऐसे भी हैं जो पीएम बनने की क्षमता रखते हैं। इनमें नीतीश कुमार भी हैं। उन्हें पीएम-मटेरियल लोग मानते भी हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं इसका अर्थ प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना है।