‘हांगकांग को आजाद करो’ का झंडा उठाना पड़ा महंगा, पहली बार किसी को मिली 9 साल जेल की सजा

ब्यूरो नेटवर्क

‘हांगकांग को आजाद करो’ का झंडा उठाना पड़ा महंगा, पहली बार किसी को मिली 9 साल जेल की सजा

साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के अनुसार, इस सप्ताह पहली बार किंडरगार्डन (केजी) और प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं, जबकि प्रमुख विश्वविद्यालयों ने घोषणा की है कि वे टर्म को छोटा करेंगे और ऑन-कैंपस कक्षाओं की जगह अब ऑनलाइन व्याख्यान दिए जाएंगे। (Photo-REUTERS)

हांगकांग के संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत पहली बार मुकदमे का सामना करने वाले प्रदर्शनकारी को नौ साल की सजा सुनाई गई है। हांगकांग उच्च न्यायालय द्वारा 24 वर्षीय तोंग यिंग कित को अलगाववाद और आतंकवाद का दोषी पाया गया है। तोंग पर आरोप था कि वह पिछले साल एक जुलाई को एक झंडा थामे मोटरसाइकिल पर सवार होकर पुलिस अधिकारियों के समूह में घुस गया था। झंडे पर लिखा था, ‘हांगकांग को आजाद करो, यह हमारे समय की क्रांति है।’

यह घटना हांगकांग पर संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाए जाने के एक दिन बाद हुई थी। चीन ने साल 2019 में हांगकांग में महीनों चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस आदेश को काफी करीब से देखा जा रहा है ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि भविष्य में ऐसे ही मामलों से कैसे फैसले सुनाए जाएंगे। इस कानून के तहत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

तोंग ने अलगाववाद और आतंकवाद के आरोप तय करने के बजाय खतरनाक तरीके से वाहन चलाने जैसे वैकल्पिक आरोप लगाने की गुहार लगाई थी। तोंग को अधिकतम आजीवन कारावास के खिलाफ उसके वकील ने कम सजा सुनाए जाने की अपील की थी।  न्यायमूर्ति एस्थर तोह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि तोंग ने आतकंवादी गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसका मकसद राजनीतिक एजेंडा पूरा करने के लिये समाज को गंभीर नुकसान पहुंचाना था। 

जज तोह ने कहा था कि उसका व्यवहार केंद्र और हांगकांग की सरकारों को मजबूर करने और जनता को डराने के उद्देश्य से हिंसा फैलाने के समान था। उन्होंने कहा कि नारा लिखा झंडा साथ रखना अलगाव के लिए उकसाने वाला कार्य है। 

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