चाणक्य नीति: भरोसे के लायक नहीं होते हैं ऐसे लोग, नाता तोड़ लेने में ही होती भलाई

ब्यूरो नेटवर्क

चाणक्य नीति: भरोसे के लायक नहीं होते हैं ऐसे लोग, नाता तोड़ लेने में ही होती भलाई

आचार्य चाणक्य को एक कुशल रणनीतिकार, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और महान शिक्षाविद माना जाता है। चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में कई नीतियों का वर्णन किया है, जो कि आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य की नीतियों को अपनाकर लोग जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं। कहा जाता है कि चाणक्य नीति को अपनाना मुश्किल होता है, लेकिन जिसे अपना भी अपना लिया उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सका। चाणक्य ने एक श्लोक में बताया है कि किन लोगों पर भूलकर भी भरोसा नहीं करना चाहिए।

परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्ष प्रियवादिनम्
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुंभम् पयोमुखम्।

चाणक्य कहते हैं कि जो लोग बहुत मीठा बोलते हैं और पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं। ऐसे लोगों पर भूलकर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसे लोग घड़े के समान होते हैं। जिनके मुख पर दूध भरा दिखाई देता है, लेकिन उसके अंदर विष भी भरा हो सकता है। चाणक्य का मानना है कि ऐसे लोग आपके भेद जानकार आपके लिए आगे मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। इसलिए जितना जल्दी संभव हो, ऐसे लोगों से नाता तोड़ लेना चाहिए।

न विश्वसेत् कुमित्रे च मित्रे चाऽपि न विश्वसेत्
कदाचित् कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत्।

चाणक्य कहते हैं कि जिन लोगों का स्वभाव बुरा हो, ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। नीति शास्त्र के अनुसार, जो मित्र अच्छे हों, उन पर इतना भी भरोसा न करें कि उन्हें सारे राज बता दें। अगर मित्र आपकी किसी बात से चिढ़ जाता है, तो वह आपके राज दूसरों के सामने भी खोल सकता है। जिससे आपके मान-सम्मान को धक्का पहुंच सकता है।

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