ब्यूरो,
पंजाब कांग्रेस का संकट लगभग शांत होने के बाद अब पार्टी हाईकमान राजस्थान में तेज हुई हलचल को लेकर सक्रिय हो गया है जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलटों के समर्थक दो धड़ों में बंट चुके हैं। अंदरुनी कलह के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और अजय माकन रविवार को जयपुर में थे जहां उन्होंने हाई लेवल मीटिंग की और अब माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने सुलह का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है। फॉर्मूला के तहत सचिन पायलट को दिल्ली लाने की तैयारी है तो वहीं बागी विधायकों को सीएम गहलोत की कैबिनेट में अहम जगह मिलने की संभावनाएं हैं।
सचिन पायलट को कांग्रेस संगठन में बड़ी भूमिका मिल सकती है और उन्हें दिल्ली बुलाया जा सकता है। वहीं, पायलट कैंप के चारे से पांच विधायकों को सीएम गहलोत के कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
खबर के मुताबिक, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के ढलान पर आने के बाद अब राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री की भी छुट्टी हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को राजस्थान में कोरोना प्रबंधन को लेकर लोगों में मौजूद नेगेटिव सेंटीमेंट को लेकर हटाया जा सकता है।
राजस्थान कैबिनेट में अगस्त के पहले या दूसरे हफ्ते में बड़े फेरबदल होने की संभावना है। खबर के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान का मानना है कि राज्य में पार्टी की अंदरूनी कलह से कांग्रेस की छवि को नुकसान हुआ है, इसलिए अब इसका जल्द से जल्द समाधान खोजना जरूरी है।
रविवार को विधायकों और सभी नेताओं से मिलने के बाद पार्टी नेता अजय माकन ने कहा था कि राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है। हालांकि, अजय माकन ने कैबिनेट विस्तार और फेरबदल की तय तारीख नहीं बताई लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि वह 28 जुलाई को फिर से जयपुर आएंगे। इस बैठक में सचिन पायलट भी मौजूद थे।
सचिन पायलट पार्टी में साइड लाइन किए जाने से नाराज चल रहे हैं। उनके समर्थक विधायकों लंबे समय से कैबिनेट विस्तार की मांग कर रहे हैं और हाईकमान की ओर से हो रही देरी को लेकर नेताओं में नाराजगी है। बीते साल भी सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों ने सीएम गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया था। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान की दखलअंदाजी के बाद उस समय इस मामले को शांत करवा दिया गया था।