ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की नई जनसंख्या नीति को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है. बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर इस नीति को जारी किया था. इस नीति के जरिए साल 2026 तक महिलाओं द्वारा सूचित व स्वनिर्णय के माध्यम से सकल प्रजनन दर 2.1 फीसदी तक करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं साल 2030 तक इसे और घटाकर 1.9 फीसदी तक करने की योजना है.
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021 में सभी समुदायों में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जरूरत पड़ने पर कानून बनाने की भी बात कही गई है. इस जनसंख्या नीति में कई उद्देश्य तय किए गए है. जिनमें जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना, निवारण योग्य मातृ मृत्यु और बीमारियों की समाप्ति, नवजात और पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की निवारण योग्य मृत्यु को खत्म करना और उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना, किशोर-किशोरियों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तथा पोषण से जुड़ी सूचनाओं और सेवाओं में सुधार, वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार शामिल है.
इस नीति के तहत यूपी में परिवार नियोजन, खासतौर पर सुदूरवर्ती एवं सेवाओं से वंचित समुदाय तक अधूरी मांग को पूरा करने के लिए आधुनिक गर्भ निरोधक प्रचलन दर को बढ़ाने की रणनीति को वरीयता दी जाएगी. इसके अलावा जिन समुदायों, संवर्गों और भौगोलिक क्षेत्रों में प्रजनन दर ज्यादा है वहाँ जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम चलाने का प्रयास किया जाएगा.