ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी ओर से सियासी समीकरणों को बनाने-बिगाड़ने में जुटा है। इसी क्रम में पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मण सम्मेलनों का ऐलान कर ब्राह्मण पिच पर बढ़त हासिल करने की कोशिश की थी। अब इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए बसपा ने बिकरू कांड में कुख्यात विकास दुबे के शूटर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे का केस लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश मिश्र कोर्ट में इस मामले की पैरवी करेंगे।
खुशी दुबे का पति अमर दुबे को इनकाउंटर में मारा जा चुका है। 17 वर्षीय खुशी पिछले एक साल से बाराबंकी के एक किशोर केंद्र में बंद है। बिकरु कांड से नौ दिन पहले ही दोनों की शादी हुई थी। बसपा के पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने मीडिया को बताया कि पार्टी नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मिश्रा कोर्ट से खुशी दुबे की रिहाई की मांग करेंगे।
कानपुर एनकाउंटर केस के सह आरोपी और एनकाउंटर में मारे जा चुके अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे के खिलाफ पुलिस ने कई गंभीर धाराएं लगाई हैं। उस पर हत्या और आपराधिक साजिश रचने सहित आईपीसी की कई धाराएं लगी हैं। गिरफ्तारी के बाद उसके परिवार ने कानपुर देहात की एक विशेष अदालत में हलफनामा देते हुए दावा किया था कि वह नाबालिग है इसलिए उसे एक किशोर मानते हुए ही कार्यवाही की जानी चाहिए। खुशी के वकील ने कोर्ट में कहा था कि बिकरू में हुए नरसंहार से कुछ ही दिन पहले अमर से उसकी शादी हुई थी। लिहाजा, इस साजिश में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। तमाम दलीलों के बावजूद अभी तक खुशी की जमानत नहीं हो सकी है। वह आठ जुलाई से जेल में है।
बसपा 23 जुलाई को ब्राह्मण सम्मेलन करने वाली है। सम्मेलन की रूपरेखा को अंतिम रूप देने अयोध्या पहुंचे नकुल दुबे ने खुशी का केस सतीश मिश्र द्वारा लड़े जाने की जानकारी दी।
खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने मीडिया से कहा कि इस लड़ाई में यदि कोई हमारा साथ देना चाहता है तो उसका स्वागत है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तक मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया है।