विवाहित होने के बाबजूद लिव इन मे रहने पर नौकरी से बर्खास्तगी गलत: इलाहाबाद हाई कोर्ट

ब्यूरो,

विवाहित होने के बाबजूद लिव इन मे रहने पर नौकरी से बर्खास्तगी गलत: इलाहाबाद हाई कोर्ट

👉 इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि शादीशुदा होते हुए दूसरी महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रहने वाले सरकारी कर्मचारी को सेवा से बर्खास्तगी को गलत करार दिया है। कोर्ट ने माना कि सेवा से बर्खास्तगी एक कठोर दंड है।

👉 बर्खास्तगी को रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि याची को सेवा में फिर से बहाल किया जाए और विभाग चाहे तो दूसरा मामूली दंड दे सकता है। गोरेलाल वर्मा की याचिका पर जस्टिस पंकज भाटिया ने उक्त आदेश दिया है। याचिका में कहा गया कि गोरेलाल की शादी लक्ष्मीदेवी से हुई है,जो कि जीवित है,लेकिन वह हेमलता के साथ लिव इन मे रहता है और दोनों के तीन बच्चे है।

👉इस आधार पर 31 अगस्त 2020 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस आदेश के विरूद्ध उसने विभागीय अपील की वह भी खारिज कर दी गई।

👉विभाग का मानना है कि उसका यह कार्य सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 और हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। याची के वकील की दलील थी कि हाई कोर्ट ने अनीता यादव बनाम उत्तरप्रदेश रा

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