ब्यूरो,
सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय ने उप्र जलनिगम विभाग में हुए भर्ती घोटाला मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन चेयरमैन व अभियुक्त आजम खान को उपस्थित होने का आदेश दिया है। उन्होंने सीतापुर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वो 19 जुलाई को 11 बजे अभियुक्त आजम खान को इस मामले में न्यायिक अभिरक्षा में लेने हेतु उनकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने इसके साथ ही इस मामले में अभियुक्त गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, नीरज मलिक, विश्वजीत सिंह, अजय कुमार यादव, संतोष कुमार रस्तोगी, रोमन फर्नाडीज व कुलदीप सिंह नेगी के विरुद्ध समन जारी करने का आदेश दिया है। विशेष अदालत ने आजम खान व गिरीश चंद्र श्रीवास्तव के विरुद्ध आईपीसी की धारा 201, 204, 420, 467, 468, 471 सपठित धारा 120बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत संज्ञान लिया है। जबकि शेष अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 201, 204, 420, 467, 471, 120 बी के साथ ही तकनीकी सूचना अधिनियम की धारा 66 के तहत संज्ञान लिया है।
25 अप्रैल, 2018 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक अटल बिहारी ने लखनऊ की एसआईटी थाने में दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान एसआईटी ने आजम खान समेत उक्त अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। जबकि अन्य अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अभी जारी है।आरोप पत्र के मुताबिक अभियुक्तों पर मनचाहे अभ्यर्थियों का चयन कराने के लिए एक साजिश के तहत मनचाही संस्था मेसर्स एपटेक लिमिटेड का चयन कराने का आरोप है। साथ ही सभी पदों पर भर्ती में एपटेक व उप्र जलनिगम के मध्य हुए अनंबध के उल्लघंन का भी आरोप है। यह भी आरोप है कि परीक्षा सम्पन्न होने के बाद उत्तर कंूजी आॅनलाइन प्रदर्शित नहीं होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया जारी रखी गई। प्रबंधकीय अधिकारों का हनन करते हुए अनुचति लाभ के लिए नियम विरुद्ध मेसर्स एपटेक से मिलीभगत कर परीक्षा के प्राइमरी डाटा को क्लाउड सर्वर से डिलीट कराकर मूल्यवान साक्ष्य को नष्ट कर दिया गया। चयन प्रक्रिया के दौरान परीक्षा परिणाम के मूल सीबीटी अंक पढ़वाकर अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कराया गया।