ब्यूरो,
अलकायदा के अंसार गजवातुल हिंद के एरिया कमांडर मिनहाज अहमद के इरादे काफी खतरनाक थे। तीन दिन पहले गिरफ्तार आतंकी शकील के मुताबिक, मिनहाज इन दिनों फ्रूट बम बनाने की तैयारी में था, क्योंकि इसे किसी भी सार्वजनिक स्थल पर रखना काफी आसान है। उसके घर से आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को प्रेशर कुकर बम पहले ही मिल चुका है, जिससे वह 15 अगस्त के आसपास धमाका करने की योजना बना रहा था।
एटीएस ने मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद उसके तीन साथियों को भी पकड़ा है। इनमें अंसार गजवातुल हिंद का एरिया सब कमांडर शकील भी है। उसने एटीएस को बताया है कि मिनहाज का मानना था कि प्रेशर कुकर बम वर्षों से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में इस्तेमाल होता रहा है। हालांकि, बड़े आकार के कारण उसको कहीं पर भी रखने में दिक्कतें हैं। दूसरे कई बार लोगों को शक भी होता है। ऐसे में वह इस तरह के बम की तलाश में था, जिसे रखने में खतरा कम हो और नुकसान अधिक करे।
शकील के मुताबिक, मिनहाज को फ्रुट बम बनाने का खयाल केरल के मल्लप्पुरम में एक साल पूर्व हुई एक घटना को देखकर आया था। वहां जून 2020 में तस्करों ने एक गर्भवती हथिनी को मारने के लिए अनानास में बम रखकर उसे खिलाया था। अनानास खाते ही बम फटने से हथिनी की मौत हो गई थी।
मिनहाज फ्रूट बम के रूप में हैंड ग्रेनेड रखने की तैयारी में था। बस इसमें फर्क सिर्फ इतना था कि ग्रेनेड को फल के अंदर रखना था। ग्रेनेड विस्फोट से पहले जहां उसकी पिन निकाली जाती है, वहीं फ्रूट बम में दबाव पड़ते ही विस्फोट होने के तरीके पर काम चल रहा था। योजना के मुताबिक, फ्रूट बम को कहीं पर ले जाकर रखने से भीड़भाड़ वाले स्थान में जानवर के खाते ही विस्फोट होने से तमाम लोग हताहत होते।
फ्रूट बम से कितनी तबाही होती, यह उसमें इस्तेमाल किए गए विस्फोटक पर निर्भर करता। वैसे, इसके असरदार होने का अंदाजा केरल की घटना में हथिनी की मौत से लगाया जा सकता है। अगर शक्तिशाली विस्फोटक का इस्तेमाल किए जाने की तैयारी थी तो ये फ्रूट बम एक बार में भीड़भाड़ वाले स्थान पर कई लोगों को जान ले सकता था। पिछले साल बाबूपुरवा क्षेत्र में भी इसी तरह के बम का इस्तेमाल हुआ था। इसमें एक गाय घायल हो गई थी। तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस अब तक घटना का पर्दाफाश नहीं कर पाई है।