ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत सत्र 2021-22 से लागू की जाने वाली ग्रेजुएशन कोर्स में दो साल तक कौशल विकास का कोर्स अनिवार्य पढ़ना होगा. जानकारी के अनुसार यह कोर्स कुल 12 क्रेडिट का होगा. इस संबंध में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है.
राज्य सरकार ने सत्र 2021-22 से लागू होने वाली नई शिक्षा नीति को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. जारी दिशा-निर्देश के तहत ग्रेजुएशन में सभी छात्रों को प्रथम दो वर्षों (चार सेमेस्टर) में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स की पढ़ाई करनी होगी. इसी तरह कुल चार सेमेस्टर में यह कोर्स 12 क्रेडिट का होगा. इसी तरह ग्रेजुएशन में सभी छात्रों को तीन वर्षों (6 सेमेस्टर) में सह विषय की पढ़ाई करनी होगी. छात्रों को सह विषय में 40 प्रतिशत की अंकों के साथ पास करना होगा. छात्रों की ग्रेड शीट पर प्राप्तांकों के आधार पर ग्रेड अंकित होंगे लेकिन उन्हें सीजीपीए की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा.
राज्य उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम को उपलब्ध करा दिया गया है. वहां से छात्र डाउनलोड कर पाठ्यक्रम जान सकते हैं. जानकारी के अनुसार क्रेडिट संबंधी कार्य राज्य स्तरीय एकेडिमक बैंक ऑफ क्रेडिट के जरिए किए जाएंगे. जो छात्र 46 क्रेडिट पाएंगे, उन्हें एक वर्षीय सर्टिफकेट कोर्स दिया जाएगा. 92 क्रेडिट पाने वाले छात्रों को दो वर्षीय डिप्लोमा और 132 क्रेडिट पाने वाले छात्रों को तीन वर्षीय स्नातक की डिग्री मिलेगी.