सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि ड्रोन की आसान उपलब्धता ने सुरक्षा चुनौतियों की जटिलताओं को बढ़ा दिया है। साथ यही यह भी कहा कि भारतीय सेना इस तरह के खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए क्षमता विकसित कर रही है। नरवणे ने कहा, ”हम उस खतरे से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं, चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हो या खुद देशों ने पैदा किए हो।”
एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा प्रतिष्ठान चुनौतियों से पूरी तरह अवगत हैं और इनसे निपटने के लिए कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। उन्होंने यह बातें ऐसे समय पर कही हैं, जब पिछले दिनों जम्मू में एयरपोर्ट के पास आतंकियों ने वायु सेना स्टेशन में ड्रोन से हमला किया है। इसके अलावा जम्मू और सांबा के कुछ सैन्य ठिकानों के आसपास भी ड्रोन देखे गए हैं।
सेना प्रमुख ने कहा, ”हम खतरों से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं, भले ही वे खतरे देश प्रायोजित हो या खुद देशों ने पैदा किए हो। हम ड्रोन के खतरों से निपटने की तैयार कर रहे हैं।” जनरल नरवणे से हाल में जम्मू में हुए ड्रोन हमले को लेकर सवाल किया गया था।”
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के बाद नियंत्रण रेखा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है। घुसपैठ न होने से कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे तत्व हमेशा रहेंगे जो शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करेंगे। सेना प्रमुख ने कहा, ”हमारा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी और घुसपैठ रोधी मजबूत तंत्र है, शांति, सामंजस्य सुनिश्चित करने का हमारा अभियान जारी रहेगा।”