कैबिनेट फैसला : विन्ध्य और चित्रकूट धाम की अब होगी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
धार्मिक आस्था के दो बड़े केंद्र विन्ध्सवासिनी मंदिर व चित्रकूट की पहचान अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो सकेगी। योगी सरकार इन दोनों धामों के सांस्कृतिक व पर्यटन के लिहाज से विकास के लिए उत्तर प्रदेश विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद व श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद बनाएगी। इससे संबंधित अलग अलग विधेयक विधानमंडल के आगामी सत्र में पास कराए जाएंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट ने शुक्रवार को पास कर दिए। इसमें किसी तरह का आगे निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया है।
यह होगा लाभ
विन्ध्य धाम क्षेत्र में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए उच्च स्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। सांस्कृतिक तथा पारिस्थितिकीय सम्बन्धी विरासत की सौन्दर्यपरक गुणवत्ता को परिरक्षित करने, विकसित करने का काम होगा। एकीकृत पर्यटन विकास तथा विरासत-संरक्षण एवं प्रबन्धन का काम यह परिषद करेगी। इसमे मिर्जापुर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेंगे।
पुराणों में तपोभूमि है विन्ध्य क्षेत्र
पुराणों में विन्ध्य क्षेत्र का महत्व तपोभूमि के रूप में वर्णित है। माँ विन्ध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। देश के 51 पीठों में से माँ विन्ध्यवासिनी ही पूर्णपीठ है। माँ विन्ध्यवासिनी देवी का मंदिर विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य पतित पावनी गंगा नदी पर स्थित है। माँ विन्ध्यवासिनी के दर्शन के लिए पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां देश के कोने-कोने से लाखों संख्या में श्रद्धालु माँ विन्ध्यवासिनी देवी के दर्शन के लिए आते हैं। देश के 51 शक्ति पीठों में से माँ विन्ध्यवासिनी शक्तिपीठ की सबसे खास बात यह है कि यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन प्रमुख देवियां विराजमान हैं। कालीखोह पहाड़ी पर महाकाली देवी और अष्ठभुजा पहाड़ी पर अष्ठभुजा देवी विराजमान हैं। दोनों के केन्द्र में माँ विन्ध्यवासिनी देवी हैं।
चित्रकूट में होगा स्थापत्य सम्बन्धी विरासत का संरक्षण
चित्रकूट की समस्त प्रकार की सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय तथा स्थापत्य सम्बन्धी विरासत की सौंदर्यपरक गुणवत्ता को परिरक्षित करने का काम होगा। परिषद जिला चित्रकूट के किसी विभाग या स्थानीय निकाय/प्राधिकरण को चित्रकूट क्षेत्र के विरासतीय संसाधनों को प्रभावित करने वाली या सम्भावित रूप में प्रभावित करने वाली किसी योजना का सुझाव देगी। इससे चित्रकूट की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।