ऑस्ट्रेलियाई दौरा से पहले भारतीय क्रिकेट टीम को क्वारंटाइन होने की मंजूरी

भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलियाई दौरा बचाने के लिए दो हफ्ते क्वारंटाइन होने की मंजूरी दे दी है। टॉप बीसीसीआई ऑफिशियल ने कहा कि भारत क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर क्वारंटाइन होने के लिए तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस साल आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम को चार टेस्च मैचों की सीरीज के लिए साल के आखिर में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जाना है, लेकिन इस सीरीज के मैच खेलने से पहले टीम को दो हफ्ते के लिए आइसोलेशन में रहना होगा। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि भारतीय टेस्ट टीम इस सीरीज को बचाने के लिए आइसोलेशन में रहने को तैयार है। धूमल ने ऑस्ट्रेलियाई अखबार से कहा, ”कोई और विकल्प नहीं है… भारतीय टीम को क्वारंटाइन में रहना ही होगा। अगर आपको क्रिकेट को फिर से शुरू करना है तो ऐसा करना ही होगा। दो हफ्ते लॉकडाउन जितने लंबे नहीं हैं।”आईसीसी  टेस्ट रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को पीछे छोड़ पहला स्थान हासिल कर लिया है। वहीं, भारतीय टीम रैंकिंग में अब तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। कोरोनो वायरस शटडाउन के दौरान संघर्ष कर रहे मेजबान देश के लिए यह सीरीज लाखों डॉलर बनाएगी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस सीरीज से होने वाली रेवन्यू कितना जरूरी है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने पांचवे टेस्ट को जोड़ने की प्रस्ताव भी दे दिया है। भारत के साथ पांच टेस्ट खेलने का मतलब होगा कि ऑस्ट्रेलिया नवंबर में अफगानिस्तान के साथ होने वाले एक टेस्ट मैच को छोड़ेगा।इस पर अरुण धूमल ने कहा कि सीरीज को बढ़ाने के बारे में अभी कहना जल्दी होगी। उन्होंने संकेत दिया कि अधिक सीमित क्रिकेट खेलना बेहतर होगा, क्योंकि इससे अधिक आय हो सकती है। उन्होंने कहा, ”वह रेवन्यू चाहते हैं और रेवन्यू टेस्ट के मुकाबले सबसे ज्यादा वनडे और टी-20 से आता है।”

धूमल ने कहा, हालांकि यह ऑस्ट्रेलिया की सरकार के लिए ज्यादा आसान होगा कि वह भारतीय टीम को द्विपक्षीय सीरीज के लिए देश में प्रवेश करने की अनुमति दे। लेकिन 16 देशों की टीमों के साथ टी-20 वर्ल्ड कप कराना अलग मुद्दा है।उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या इलीट खिलाड़ी अक्टूबर में होने वाले इस बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार होंगे। उन्होंने पूछा, ”खिलाड़ी लंबे वक्त से क्रिकेट से दूर हैं। क्या आप बिना किसी ट्रेनिंग के खिलाड़ियों को सीधे वर्ल्ड कप में खेलने के लिए उतार देंगे। यह हर बोर्ड का अपना फैसला होगा, लेकिन ये बहुत मुश्किल है।”

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