कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों में लगभग सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में कक्षाएं नहीं के बराबर चली हैं। कक्षाओं से बनी इस दूरी ने छात्रों का ध्यान डिस्टेंस लर्निंग की तरफ मोड़ा है। जहां हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में नए एडमिशन कम हो रहे हैं तो इग्नू (इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी) में एडमिशन के आवेदन बढ़े हैं। जनवरी और जुलाई में दो बार एडमिशन होने का भी लाभ विद्यार्थी उठा रहे हैं।
20 प्रतिशत तक बढ़े एडमिशन
इग्नू के बीएचयू स्थित वाराणसी रीजनल सेंटर से मिले आंकड़ों की मानें तो पिछले वर्षों की तुलना में यहां नए एडमिशन 20 प्रतिशत तक बढ़े हैं। सामान्य स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ ही प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी है। केंद्र प्रभारी डॉ. उपेंद्र नभ त्रिपाठी बताते हैं कि वर्ष 2019 में एडमिशन लेने वालों की संख्या 13 हजार थी, वर्ष 2020 में बढ़कर 14 हजार 275 हो गई।
इग्नू पहले से चला रहा ऑनलाइन क्लास
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इग्नू ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की कक्षाएं पहले से चला रहा है। कोरोना काल में गूगल मीट पर नियमित कक्षाएं चली हैं। साथ ही स्टडी मैटेरियल यूट्यूब पर अपलोड किया जाता है। इग्नू अपने सभी विद्यार्थियों को संपूर्ण स्टडी मैटेरियल देता है, जिससे घर रहकर पढ़ाई आसान हो जाती है। उन्होंने बताया कि इग्नू में इनरोल होने वाले 6000 से ज्यादा छात्रों के बीच उन्होंने एक सर्वे कराया था, जिसमें छात्रों ने इग्नू से पढ़ाई को ज्यादा आसान बताया। उनका तर्क था कि वह अपनी नौकरी या व्यवसाय करते हुए पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। साथ ही अन्य जगहों पर कोर्स की अपेक्षा इग्नू के कोर्स काफी सस्ते भी हैं।
2021 में रिकॉर्ड टूटने के उम्मीद
बीएचयू स्थित इग्नू रीजनल सेंटर इलाहाबाद से लेकर गोरखपुर तक 19 जिलों की जिम्मेदारी संभालता है। पिछले वर्ष एडमिशन का प्रतिशत बढ़ने से इग्नू के रीजनल सेंटर प्रभारी उत्साहित हैं। वह बताते हैं कि 2021 में जनवरी सत्र के एडमिशन कुछ कम हुए हैं, इसकी वजह कोरोना के चलते मची आपधापी को मानते हैं। उन्होंने बताया कि हर दिन ऑनलाइन माध्यमों से नया एडमिशन लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों की क्वेरी आ रही है। उम्मीद है कि जुलाई सत्र में होने वाले एडमिशन पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे।