यूपी में कोरोना का संक्रमण कम होता देख राज्य सरकार ने प्रदेश भर के अस्पतालों में शुक्रवार से ओपीडी एवं आइपीडी की सेवाएं कोरोना प्रोटोकाल के साथ शुरू करने का निर्णय किया है। इस बारे में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को एक आदेश भी जारी कर दिया। आदेश के बाद अब मरीजों को चिकित्सीय परामर्श के साथ-साथ भर्ती होने की सुविधा मिलेगी।
प्रदेश के सभी डीएम, सीएमओ व सीएमएस को भेजे इस आदेश में शुक्रवार से जिले के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी व आईपीडी सेवा शुरू करने को कहा गया है। सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल व विशेष प्रयोजन के लिए बनाए गए अस्पतालों में फीवर क्लीनिक व फ्लू कार्नर बनाए जाएंगे। कोरोना के लक्षण युक्त रोगियों का यहीं पर परीक्षण कराया जाएगा ताकि वह अन्य रोगियों से अलग रहें। यहां पर लक्षण युक्त रोगियों का कोरोना टेस्ट ट्रूनैट व एंटीजन के माध्यम से कराया जाएगा।
अप्रैल में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने के कारण सरकारी अस्पतालों में ओपीडी व आइपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। नए आदेश के बाद अब प्रदेश भर में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर ओपीडी सेवा शुरू होगी। यदि किसी सीएचसी पर कोरोना रोगी भर्ती है तो उसे जिले के लेवल टू के अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा और सैनिटाइजेशन करने के बाद ओपीडी शुरू कर दी जाएगी।
इसके अलावा जिला अस्पतालों में सर्जिकल ओपीडी ही अभी शुरू होगी और मरीजों का आपरेशन किया जाएगा। आपरेशन से पूर्व रोगियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। आदेश के अनुसार सभी जिला अस्पतालों में पोस्ट कोविड केयर सेंटर भी चलाए जाएंगे। पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुसार यहां फिजिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट व मानसिक रोग विशेषज्ञ की टीम काम करेगी। इसके अतिरिक्त सभी सरकारी अस्पतालों में सात जून तक रंगाई-पुताई का कार्य पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। कोई भी अस्पताल बिना चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ के न रहे इसके सख्त निर्देश दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि सभी अस्पतालों में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाए।