बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने सवाल किया है कि तेजस्वी प्रसाद यादव को सरकारी आवास के बजाय पटना में अर्जित मकानों में से किसी को कोविड अस्पताल बनाना चाहिए था, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज होता। वहीं सुशील मोदी ने कहा है कि तेजस्वी यादव के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डाक्टर हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में उनकी सेवाएं क्यों नहीं ली गईं। बीजेपी सांसद के इन सवालों पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भड़क उठीं हैं। सुशील मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए रोहिणी ने एकदम ठेठ बिहारी अंदाज में कहा है कि आज के बाद मेरी बहनो पे ई भगोड़ा बोला ना तो बताना मुझे, इसकी बकलोलि ना छुड़ा दिए तब देखना।
बुधवार को रोहिणी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सुशील मोदी पर हमला बोला। रोहिण ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ई त ऐकर क़िस्मत आज अच्छा बांटे, नहीं तो हम उहां रहती त इनका आज अच्छें से इलाज कर देतीं! इ अपन सृजन चोरनी बहन का खूब सेवा लिए और खूब मेवा खाए है , बहुत जल्द ही सेवा का मेवा लाल से हिसाब होगा।
बता दें कि बुधवार को तेजस्वी यादव ने तेजस्वी ने सरकारी बंगले में बनाया कोविड केयर सेंटर तेजस्वी ने अपने 01, पोलो रोड स्थित सरकारी आवास में राजद कोविड केयर सेंटर स्थापित कराया है। अपने निजी कोष से तैयार कराए गए इस सेंटर में बेड, ऑक्सीजन, दवाओं के साथ ही खाने-पीने का भी समुचित इंतजाम किया गया है। तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से इस कोविड केयर सेंटर को टेकओवर कर संचालित कराए जाने का अनुरोध किया है।
सुशील मोदी ने ट्वीट कर पूछा कि मंत्री बनाने के एवज में जो दो मंजिला भवन गिफ्ट किया गया था, उसमें या राबड़ी देवी के पास जो फ्लैट बचे हैं, उनमें अस्पताल क्यों नहीं खोला गया। एक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा है कि यदि राजद नेतृत्व में गरीबों की सेवा के लिए तत्परता और गंभीरता होती, तो अस्पताल शुरू करने के लिए पहले सरकार से अनुमति ली जाती और उसके मानकों का पालन किया जाता। बिना डॉक्टर, उपकरण, स्वास्थ्यकर्मी के किसी परिसर में केवल कुछ बेड लगा देने से अस्पताल नहीं हो जाता। इससे केवल अस्पताल होने का नाटक किया जा सकता है।