दो आश्चर्यजनक खबरें आ रही हैं। सरकार की मांग पर पिछले दिनों विदेशों से 25 फ्लाइट में 300 टन की सप्लाई आई है। इसमें 5500 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, 3200 सिलेंडर और 1,36,000 रेमडिसवीर इंजेक्शन हैं। सरकार से क्लियरेंस न मिलने के कारण यह सामान दिल्ली के हवाई अड्डे पर पड़ा है, ज़रूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है।
दूसरी ख़बर गुजरात से है। गाँधीधाम नामक जगह पर स्थापित SEZ में देश के दो तिहाई ऑक्सीजन सिलेंडर बनते हैं। 10 दिन से इसके सभी प्लांट बन्द पड़े हैं, क्योंकि सरकार ने औद्योगिक ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई है और इसमें इन प्लांट्स को भी शामिल कर लिया है। विगत 27 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ़ से पत्र लिखकर कहा गया कि इन सिलेंडर निर्माताओं को लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई की जाए। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से गुजरात सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री के पत्र का कोई नोटिस नहीं लिया। लोग ऑक्सीजन के लिए चीखपुकार मचा रहे हैं, और हमने अपने रास्ते ख़ुद ब ख़ुद बन्द कर लिए हैं।
सवाल यह है कि हमारे हुक्मरान सचमुच इतने ही नाक़ाबिल हैं या यह सब किसी सोची समझी योजना के तहत किया जा रहा है।
साभार-प्रो.कृष्ण मोहन सर ,हिंदी,बीएचयू