टेलीकॉम सिग्नल बढ़ाने के लिए अवैध बूस्टर्स की बड़े पैमाने पर आई शिकायतों के बाद इंडस्ट्री के साथ मिलकर टेलीकॉम विभाग ने दिल्ली- नोएडा समेत देश के कई बड़े शहरों में छापेमारी की है। छापे के दौरान लोगों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बूस्टर लगे पाए गए थे। इन जगहों पर बू्स्टर्स हटाने के बाद लोगों को दोबारा न लगाने की चेतावनी दी गई है।
‘हिंदुस्तान’ को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक, ये छापेमारी दिल्ली, मुंबई, पुणे, भिवंडी, आगरा, मथुरा, जौनपुर, हैदराबाद, बहादुरगढ़, कैथल, रेवाड़ी, रोहतक, सोनीपत, करनाल, पानीपत और नोएडा में हुई है। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक नेटवर्क न मिलने की हालत में लोग अपने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए खरीदकर बूस्टर लगा लेते हैं। ये बूस्टर मौजूदा नेटवर्क में न सिर्फ व्यवधान पैदा करते हैं बल्कि उनकी सिग्नल क्वालिटी को भी प्रभावित कर देते हैं। इसके उस दायरे में टेलीकॉम सेवा इस्तेमाल करने वाले लाखो लोग प्रभावित होते हैं। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि इन अवैध बूस्टर्स के चलते स्पेक्ट्रम का भी पूरा इस्तेमाल नहीं किया जा पा रहा है।
टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने दूरसंचार विभाग से ई- वाणिज्य वेबसाइट के जरिए अवैध तरीके से बेचे जाने वाले बूस्टर्स की बिक्री रुकवाने को कहा है। इस बारे में लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कई कंपनियों ने तो अपने प्लेटफॉर्म पर इनकी बिक्री रोक दी गई है लेकिन ये पूरी तरह से बंद नहीं हुई है।
सीओएआई ने टेलीकॉम विभाग को ये भी बताया है कि मोबाइल नेटवर्क नहीं आना, कॉल ड्राप होना और डेटा स्पीड कम होने जैसी समस्याएं इन अवैध रूप से लगाए गए बूस्टर और रिपीटर्स की वजह से पैदा होती हैं।