उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदर बाजार पहाड़गंज जोन में उस समय हड़कंप मच गया जब एक सहायक उप-निरीक्षक सहित दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि सहायक उप-निरीक्षक ने एक अस्थायी कर्मचारी का एटीएम कार्ड अपने पास रखा हुआ था और उसे देने के एवज में सहायक उप-निरीक्षक आठ हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। सीबीआई का कहना है कि इस सिलसिले में निगम कार्यालय और एक अन्य उप-निरीक्षक के यहां छापेमारी की गई और वहां से 38 लाख रुपये, हस्ताक्षर की गई चेक बुक और कई एमटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार सहायक उप-निरीक्षक ओमपाल है और दूसरे का नाम जितेंद्र हैं। जिस सेनेटरी निरीक्षक के यहां से 38 लाख रुपये बरामद किए गए हैं वह गाजियाबाद में रहता है और उसका नाम ब्रिज मणी है। सीबीआई का कहना है इस सिलसिले में तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सहायक उप-निरीक्षक ओमपाल को दो दिन के लिए सीबीआई हिरासत में पूछताछ के लिए अदालत ने सौंपा है जबकि जितेंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। तीसरे आरोपी की तलाश में छापेमारी की जारी है।
सीबीआई का कहना है कि कुछ दिन पहले निगम के कर्मचारी (अस्थायी तौर पर कार्यरत) ने शिकायत दी थी कि वह वर्ष 1988 से सदर पहाड़गंज जोन में अस्थायी तौर पर कार्यरत है। इन दिनों वह किशनगंज में तैनात है। सहायक उप-निरीक्षक अधिकांश अस्थायी तौर पर कार्यरत निगम कर्मचारियों के एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं। जब उनकी सेलरी आती है तो वह उनका सेलरी का पार्ट देकर एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं। उसका कार्ड भी सहायक उप-निरीक्षक के पास है वह अपना एटीएम मांगता है तो ओमपाल उससे आठ हजार
रुपये रिश्वत मांग रहा है। इस शिकायत पर सीबीआई ने एएसआई को तथा एक अन्य कर्मचारी को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह रिश्वत की पहली किश्त चार हजार रुपये ले रहा था।