एक्शन में योगी सरकार: मुख्तार अंसारी की बुलेट प्रूफ एम्बुलेंस को लेकर अस्पताल संचालिका से पूछताछ

मोहाली कोर्ट में बुधवार को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के यूपी नंबर वाली एम्बुलेंस से पेशी के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई है। एम्बुलेंस भले ही बाराबंकी आरटीओ में रजिस्टर्ड है लेकिन उसका सीधा कनेक्शन मुख्तार के इलाके मऊ से जुड़ने के तत्काल बाद जांच शुरू हो गई है। मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम पर पंजीकृत होने के कारण अस्पताल संचालिका डाक्टर अलका राय से गुरुवार को पुलिस ने पूछताछ की। एम्बुलेंस की और डिटेल के लिये पुलिस अधीक्षक ने बाराबंकी आरटीओ से रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले यूपी के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने एम्बुलेंस को लग्जरी और बुलेट प्रूफ बताते हुए कहा कि सरकार इसकी जांच कराएगी। 

डाक्टर अलका राय से उनके अस्पताल के नाम से रजिस्टर्ड एम्बुलेंस मुख्तार अंसारी तक पहुंचने को लेकर पूछताछ हुई है। पुलिस डॉक्टर राय और मुख्तार अंसारी के बीच कनेक्शन भी खोज रही है। हालांकि डाक्टर राय का कहना है कि वर्ष 2013 में मुख्तार विधायक अंसारी के प्रतिनिधि ने कागजात पर हस्ताक्षर कराकर एम्बुलेंस ले लिया था। एंबुलेंस उसके बाद कहां आई, कहां गई, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। पूरे मामले पर मऊ के एसपी घुले सुशील चंद्रभान का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। बाराबंकी आरटीओ से भी रिपोर्ट मांगी गई है। पूरे मामले पर पुलिस नजर रखे हुये है।

बाराबंकी में पिछले साल दी गई थी नोटिस
बाराबंकी संवाददाता के अनुसार मुख्तार अंसारी को जेल से पेशी पर ले जाने वाली एम्बुलेंस बाराबंकी के अस्पताल व डा. अलका राय के नाम पर दर्ज है। एम्बुलेंस का फिटनेस खत्म होने के मामले में एआरटीओ ने जनवरी 2020 में ही नोटिस जारी कर रखी थी। इस अस्पताल के नाम एम्बुलेंस दर्ज है उसका मोहल्ले में कोई अस्तित्व कभी नहीं रहा।

2017 में खत्म हो चुकी है फिटनेस 
महोली कोर्ट में मुख्तार अंसारी को जिस एम्बुलेंस नम्बर यूपी 41 एटी 7171 से जेल से लाया गया था। वह बाराबंकी में पंजीकृत है। इसकी सूचना मिलते ही सम्भागीय परिवहन विभाग से लेकर जिला प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। सम्भागीय परिवहन विभाग ने उक्त एम्बुलेंस की डिटेल्स निकाली तो वह श्याम सन हास्पिटल के नाम व डा. अलका राय निवासी रफी नगर के नाम दर्ज है। इसे लेकर एआरटीओ पंकज वर्मा ने बताया कि उक्त एम्बुलेंस का फिटनेस 31 जनवरी 2017 को दर्ज खत्म हो चुका था। जिसे लेकर नोटिसें दी गईं थीं। अंतिम नोटिस जनवरी 2020 को संबंधित पते पर भेजी गई थी मगर कोई जवाब नहीं आया और न ही कोई सम्पर्क करने आया।

मामले की कराएंगे जांच 
इसे लेकर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। उधर रफी नगर के निवासियों से जब सम्पर्क किया गया तो वहां के रहने वाले पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हफीज भारती के भाई अजीज भारती उर्फ अज्जू ने बताया कि वह जन्म से यहीं रहते हैं मगरइस नाम का कोई हास्पिटल यहां नहीं चलता था और न ही डा. अलका राय नाम से कोई रहता है।

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