लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी सबकुछ पहले जैसा नहीं रहेगा। बहुत कुछ बदल जाएगा, जिसमें से एक बैंकिंग भी है। भारतीय बैंक संघ ने लॉकडाउन के बाद ग्रीन जोन में बैंकों को पूरी तरह से खोलने के निर्देश दिए हैं लेकिन कोरोना को देखते हुए ढेरों गाइड लाइंस जारी की हैं जिन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी शाखाओं में जारी कर दिया। अन्य बैंक भी इन निर्देशों का पालन करने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
अभी तक बैंकों में फाइनेंस ऑडिट होता है लेकिन अब से कोविड-19 ऑडिट भी होगा। कोरोना से सुरक्षा के लिए बैंक नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं, इसका चार वरिष्ठ अधिकारियों की टीम करेगी। बैंक द्वारा दिए गए कार्ड से उपस्थिति नहीं लगेगी। ‘टचलैस’ प्रक्रिया के तहत बैंक कर्मचारियों की उपस्थिति आरएफआईडी टैग से दर्ज होगी। यानी जेब में रखे टैग से ही उपस्थिति लग जाएगी। बैंकों में पहली बार वर्क फ्राम होम का कॉन्सेप्ट लागू होगा।
कैश लेनदेन के अलावा बैंकिंग से जुड़े जो कामकाज सिस्टम से हो सकते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से खतरे वाले नहीं हैं, ऐसे कामों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाएगी। शुरुआत वरिष्ठ अधिकारियों से होगी। यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन के मंत्री रजनीश गुप्ता ने कहा कि गाइडलाइंस के बिंदु अच्छे हैं लेकिन व्यावहारिक रूप में इनका पालन कराना बड़ी चुनौती होगी।
पीएनबी आफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि कोरोना के संक्रमण का खतरा लंबे समय तक रहने की आशंका है। ऐसे में बैंकिंग स्टाफ की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम के साथ खुद भी सजग रहने की जरूरत है।
ये होंगे नियम
- एक-दूसरे के केबिन में नही जाएगा स्टाफ, मीटिंग पर रोक।
- सामूहिक लंच पर रोक।
- घर से ही टिफिन लेकर आएंगे।
- सेनेटाइज और थर्मल चेक अप के बिना बैंक में प्रवेश नहीं।
- कैफेटेरिया और कैंटीन बंद रहेगी, खुद दूरी बनाने का प्रयास करें।
- ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य, पुलिस की मदद लें।
- बैंक के इंट्री गेट, इमारत, करेंसी चेस्ट, ऑफिस, एटीएम, पार्किंग और ई लॉबी आदि को लगातार सेनेटाइज किया जाएगा।
- इंट्री गेट पर सेनेटाइजेशन या पानी-साबुन-वाशबेसिन की व्यवस्था करना होगा।
- कर्मचारियों से अपने वाहनों से ही आने को कहा जाएगा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट से बचने की सलाह।
- मैनुअल फार्मों के लेनदेन से बचने की सलाह, ई कॉपी पर ही होगा कामकाज।