देश के 4 सरकारी बैंक प्राइवेट होंगे
*बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक प्राइवेट होंगे
6 महीने में प्रोसेस शुरू होगा
मुंबई। सरकार ने 4 बैंकों को निजी बनाने के लिए चुन लिया है। इनमें तीन बैंक छोटे और एक बड़ा बैंक है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक छोटे हैं, जबकि बैंक ऑफ इंडिया बड़ा बैंक है। सवाल-जवाब के जरिए समझिए पूरा मामला क्या है…
सरकार यह कदम क्यों उठा रही है?
सरकार देश में कुछ बड़े सरकारी बैंकों को ही चलाने के पक्ष में है। जैसे- भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा और कैनरा बैंक। पहले कुल 23 सरकारी बैंक थे। इनमें से कई छोटे बैंक को बड़े बैंक में पहले ही मर्ज किया जा चुका है। सरकार ने इस बार बजट में दो बैंकों में हिस्सा बेचने की बात कही थी। हालांकि, चार बैंकों के नाम सामने आए हैं।
खाता रखने वालों का क्या होगा?
अकाउंट होल्डर्स का जो भी पैसा इन 4 बैंकों में जमा है, उस पर कोई खतरा नहीं है। खाता रखने वालों को फायदा ये होगा कि प्राइवेटाइजेशन हो जाने के बाद उन्हें डिपॉजिट्स, लोन जैसी बैंकिंग सर्विसेस पहले के मुकाबले बेहतर तरीके से मिल सकती हैं। एक जोखिम यह रहेगा कि कुछ मामलों में उन्हें ज्यादा चार्ज देना होगा। उदाहरण के लिए सरकारी बैंकों के बचत खातों में अभी एक हजार रुपए का मिनिमम बैलेंस रखना होता है। कुछ प्राइवेट बैंकों में मिनिमम बैलेंस की जरूरी रकम बढ़कर 10 हजार रुपए हो जाती है।