भूकंप से थर्राया उत्तर भारत

दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में शुक्रवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। धरती रात 10:34 बजे हिली और भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में था और इसकी तीव्रता 6.3 बताई गई। कुछ ही मिनटों बाद पंजाब में दोबारा भूकंप आने की खबरों से डर का माहौल बन गया। भूकंप विज्ञान विभाग ने पहले भूलवश बताया था कि भूकंप का केंद्र पंजाब के अमृतसर में 19 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। हालांकि उसने बाद में संशोधित बयान जारी कर पुष्टि की कि भूकंप दरअसल ताजिकिस्तान में आया। विभाग ने कहा कि यह गलती सॉफ्टवेयर के कारण हुई।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई। भूकंप रात 10 बजकर 34 मिनट पर आया। इसमें जानमाल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। भूकंप से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत अनेक स्थानों पर लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप के डर से लोग घरों से बाहर निकल आए। 

जब भूकंप आया तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी शिकागो विश्वविद्यालय के छात्रों से डिजिटल तरीके से संवाद कर रहे थे, तभी उन्होंने कहा कि पूरा कमरा हिल रहा है। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘2005 में आए भूकंप के बाद से श्रीनगर में आया कोई झटका इतना शक्तिशाली नहीं था जिसने मुझे घर से बाहर जाने को मजबूर किया हो। मैंने कंबल लिया और भागा। मुझे अपने साथ फोन ले जाना भी याद नहीं रहा, इसलिए जब जमीन हिल रही थी तब ‘भूकंप ट्वीट नहीं कर पाया।’

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘भूकंप के बाद अमृतसर या पंजाब के अन्य हिस्सों में क्षति की अभी तक कोई सूचना नहीं है। पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन के शीर्ष अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा हूं।’ अमृतसर के पुलिस आयुक्त सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में सब कुछ सामान्य था और अनुयायी रोजमर्रा की तरह ही सेवा कर रहे थे।

एनसीएस के संचालन प्रमुख जेएल गौतम ने कहा, ‘भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था। शुरुआती जांच में पता चला था कि केंद्र अमृतसर था। हमने उस जानकारी को संशोधित किया है।’ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा कि संदेश ‘प्रणाली में गलती से लिया गया था और इसे ठीक कर दिया गया है।

भूकंप इतना शक्तिशाली था कि दिल्ली-एनसीआर से लेकर उत्तर भारत के लोग घरों से बाहर भागते दिखे। कोई भूकंप को कैमरे में कैद करने की कोशिश करता दिखा तो कोई पार्कों की तरफ भागता दिखा था। 

भूकंप आने पर क्या करें?
– भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। 
– या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए।
– भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
– भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें।

भूकंप आने पर क्या ना करें?
– भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर है तो कोशिश करें कि ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। 
– भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर न निकलें। जहां हैं वही खुद को सुरक्षित करने के प्रयास करें। 
– भूकंप आने पर अगर आप घर में हैं तो दरवाजे, खिड़कियों और दीवारों से दूर रहें।
– भूकंप के वक्त लिफ्ट का इस्तेमाल तो भूलकर भी न करें।

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