अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग की सुनवाई से बच सकते हैं क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी इसके लिए रिपब्लिक पार्टी के सांसदों का पर्याप्त समर्थन नहीं जुटा पाई है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने विद्रोह भड़काने के आरोप में ट्रंप के खिलाफ प्रतिनिधिसभा में महाभियोग पारित किया है लेकिन महाभियोग पर सुनवाई के लिए उसे सीनेट में दो तिहाई मतों की जरूरत होगी। वर्तमान में सौ सीटों वाली सीनेट में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों के 50-50 सदस्य हैं।
दो तिहाई बहुमत के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी को रिपब्लिकन पार्टी के कम से कम 17 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी। रिपब्लिकन सांसद जॉन बूजमैन ने कहा, ”मुझे नहीं पता आप 17 सदस्य कहां से लाएंगे।”
उन्होंने यह बात तक कही जब रिपब्लिकन पार्टी के 50 में से 45 सांसदों ने उस प्रस्ताव पर मतदान किया कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई असंवैधानिक है। रिपब्लिकन सांसद केविन क्रेमर ने कहा सीनेट को महाभियोग की सुनवाई में वक्त नहीं गंवाना चाहिए।
सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने तर्क दिया कि पद छोड़ने के बाद भी ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई की जा सकती है, और यह संवैधानिक है।
उन्होंने कहा, ”पूर्व राष्ट्रपति ने अमेरिकी के किसी भी राष्ट्रपति के मुकाबले अब तक का सर्वाधिक बड़ा अपराध किया है। मैं और बहुत से लोग ऐसा मानते हैं। सीनेट पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ सुनवाई करेगी और सीनेटर उनके आचरण पर अपना फैसला सुनाएंगे।” वहीं सीनेटर रोजर विकार ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई एक गलती है।