यूपी पंचायत चुनाव: वोटर और प्रत्याशियों को लेकर नया फरमान

इस बार पंचायत चुनाव में मतदाताओं और प्रत्याशियों को उनके मोबाइल पर राज्य निर्वाचन आयोग कोई सूचना या जानकारी नहीं देगा। हालांकि आयोग की वेबसाइट पर मतदाताओं के मोबाइल नम्बर जरूर दर्ज किये गये हैं। प्रत्याशियों के भी मोबाइल नम्बर नामांकन पत्र में लिये जाएंगे। मगर आयोग की तरफ से उन्हें कोई सूचना या जानकारी नहीं दी जाएगी।

वर्ष 2017 के नगरीय निकाय चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने यह व्यवस्था की थी। इसके तहत मतदाताओं के मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिये वोटर पर्ची व अन्य सूचनाएं आयोग की ओर से दी गयी थी। इसके अलावा प्रत्याशी को भी उसके चुनाव परिणाम की जानकारी दी गयी थी।

आयोग के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2017 के चुनाव में प्रत्याशियों को उनके मोबाइल पर चुनाव परिणाम की सूचना दिये जाने पर गड़बड़ी हुई और जिस प्रत्याशी को जीतने की सूचना दी गयी, बाद में अंतिम गणना व आंकलन में वह हार गया। ऐसे कई मामले सामने आए और कई प्रत्याशियों ने अदालत की शरण ली। वहां सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से यह कहा गया है कि इस तरह की सूचना व जानकारी मोबाइल फोन पर दिए जाने का कोई नियम या प्रावधान नहीं है, यह तो सिर्फ आमजन की सुविधा के लिए एक व्यवस्था की गयी थी। 

अदालत में यह भी तर्क दिया गया कि केन्द्रीय चुनाव आयोग मतदाताओं को या प्रत्याशियों को उनके मोबाइल फोन पर ऐसी कोई सूचना या जानकारी नहीं देता है। इस बार जब राज्य निर्वाचन आयोग में चुनाव की तैयारी शुरू हुई तो आयोग की वेबसाइट पर वोटर सर्विस के नाम से एक नया पेज बनाया गया, इस पेज पर मोबाइल रजिस्ट्रेशन का भी एक पेज रखा गया। मगर आयोग में जब इसकी उपयोगिता पर चर्चा शुरू हुई तो पिछले अनुभवों और अदालती झंझटों को देखते हुए तय किया गया कि इस बार मतदाताओं और प्रत्याशियों को उनके मोबाइल फोन पर आयोग की ओर से किसी भी तरह की कोई सूचना या जानकारी नहीं दी जाएगी। 

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