प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (2021) को संबोधित करते हुए कहा कि बीता साल हम सभी के लिए बहुत चुनौतियों का साल रहा है। इन चुनौतियों के बीच विश्वभर में फैले भारतीय मूल के साथियों ने जिस तरह काम किया है, अपना फर्ज निभाया है वो हम सभी के लिए गर्व की बात है। यही तो हमारी मिट्टी के संस्कार हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप सभी साथियों को हर साल प्रवासी भारतीय सम्मान देने की परंपरा है। अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में जो यात्रा शुरू हुई उसमें अभी तक 60 अलग-अलग देशों में रहे करीब 240 लोगों को ये सम्मान दिया गया है, इस बार भी इसकी घोषणा की जाएगी।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत आतंकवाद के सामने खड़ा हुआ, तो दुनिया को भी इस चुनौती का सामना करने की हिम्मत मिली। आज भारत भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है। लाखों और करोड़ों की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के गरीबों को सशक्त बनाने के लिए भारत में चल रहे अभियान की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। हमने दिखाया है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में, एक विकासशील देश भी नेतृत्व कर सकता है।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए क्विज कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया है। ये संख्या बताती है कि जड़ से भले दूर हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है। इस क्विज के 15 विजेता भी आज इस वर्चुअल समारोह से जुड़े हुए है। मैं सभी विजेता को बधाई देता हूं।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत बाहर से पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर और परीक्षण किट आयात करता था, लेकिन आज हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर है। आज भारत दो ‘मेड इन इंडिया’ COVID-19 टीकों के साथ मानवता को बचाने के लिए तैयार है।’