कोरोना संक्रमण के बाद दूसरी बार संसद का सत्र आयोजित होने जा रहा है। बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के समय यूं तो सेंट्रल हॉल सांसदों से फुल पैक होता है, लेकिन इस साल तस्वीर बदली हुई रहेगी। 29 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान कोरोना को लेकर जारी सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य स्वास्थ्य नियमों का पालन किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार संसद को संबोधित करेंगे। लोकसभा और राज्यसभा के सैकड़ों सांसद इसका गवाह बनेंगे। इस महामारी ने एक मंत्री और तीन सांसदों की जान ले ली है। आपको बता दें कि पिछले साल कोरोना के कारण शीतकालीन सत्र को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था।
आगामी बजट सत्र में स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। हालांकि, शेड्यूल बढ़ाया जा सकता है। पिछले सत्र में, दोनों सदनों को चार घंटे की पाली में काम करने के लिए निर्धारित किया गया था। राज्यसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि इस बार, दोनों सदनों को कम से कम पांच घंटे आवंटित किए जा सकते हैं, क्योंकि कार्यभार बहुत अधिक होगा।
बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के भाषण पर एक चर्चा, आम बजट को पेश करना और उसे पारित कराना, कम से कम दस मंत्रालयों के कामकाज पर अलग-अलग चर्चा, वित्त विधेयक को मंजूरी देना जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां अन्य शामिल हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को देहरादून में एक समारोह में कहा, “हमने बजट सत्र के लिए व्यापक तैयारियां की हैं और इसका विधिवत संचालन किया जाएगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या प्रश्नकाल को इस सत्र के दौरान शामिल किया गया है? उन्होंने कहा कि हां, इसे शामिल किया गया है।
बजट सत्र की योजना में शामिल अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि सांसदों की सीटिंग व्यवस्था के तहत एक सदन के सांसदों को दोनों सदनों में बैठने की संभावना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ बार-बार मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। योजना में शामिल एक अधिकारी, “सरकार ने हमें महामारी के खिलाफ गार्ड कम करने के लिए नहीं कहा है। जिसका अर्थ है कि हमें सुरक्षा संबंधी सभी सावधानियों को जारी रखना होगा।“
संसद के विभिन्न कोनों में विशाल टीवी स्क्रीन, सदस्यों की सीटों के सामने पिकलिग्लास शीट, आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, हर घंटे सफाई, सांसदों के चैंबरों के साथ-साथ दीर्घाओं में बैठने की व्यवस्था जैसी मानसून सत्र की कुछ अनूठी विशेषताएं हैं, इसबार भी दोहराई जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या संसद के सदस्यों को कोरोनो का टीका लगाया जाएगा? ओम बिड़ला ने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत की है। अब सरकार तय करेगी कि टीके कैसे दिए जाएंगे। टीका प्रशासन के संबंध में केंद्र द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।”