एमपी-एलएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर यौन संबध बनाने की खातिर अपनी कस्टडी में रखने का मुकदमा दर्ज कराकर अदालत में अपनी गवाही से मुकरने वाली पीड़िता के हलफनामे पर अब अभियोजन को 11 जनवरी को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। शुक्रवार को पीड़िता अदालत में उपस्थित हुई और अपना जवाब जरिए हलफनामा दाखिल किया।
बीते 13 अक्टूबर को विशेष अदालत में अपनी गवाही के दौरान पीड़िता अपने आरोपों से मुकर गई थी। जिस पर अभियोजन ने उसे पक्षद्रोही घोषित करते हुए उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत मुकदमे की अर्जी दाखिल की थी।
अभियोजन का कहना था कि पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत एसआईटी को अपना बयान दर्ज कराया था। इसके बाद शाहजहांपुर में संबधित मजिस्ट्रेट के समक्ष भी उसका कलमबंद बयान दर्ज हुआ था। इन दोनों बयानों में उसने एफआईआर में वर्णित घटना का समर्थन किया था। लेकिन बीते नौ अक्टूबर को अदालत में इस मामले की गवाही के दौरान जानबुझकर इसने अपना बयान बदल दिया। इसने यह कहते हुए कि मैने अराजक तत्वों के दबाव में यह सब किया था, अभियुक्त पर अपने द्वारा लगाए गए आरोपों से मुकर गई। ऐसा लगता है कि इसके व अभियुक्त के मध्य समझौता हो गया है। लिहाजा इससे खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत विधिक कार्यवाही की जाए।
विशेष अदालत ने अभियोजन की इस अर्जी को प्रकीर्ण वाद के रुप में दर्ज करने का आदेश दिया था। साथ ही इस सदंर्भ में पीड़िता को अपना जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया था।