चमकती दीवारें, बढ़िया दरबाजे और अलमारी, सोने के लिए आरामदायक बिस्तर, साफ-सुथरे शौचायल…। जल्द ही केडी सिंह बाबू स्टेडियम तीन मंजिला दोनों डारमेट्री नई चमक-दमक के साथ खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध होंगी। नगर निगम इन डारमेट्रियों को स्मार्ट सिटी योजना के तहत तैयार कर रहा है। इसके तैयार होते ही खिलाड़ियों के ठहरने के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम में करीब 300 खिलाड़ियों के रुकने के लिए दो डारमेट्रियों का निर्माण कराया गया था। धीरे-धीरे यह जर्रर हो गईं। सीवर चोक हो गया। दरवाजे गल गए। हर तरफ गंदगी थी। टीमों को ठहराने के पहले आयोजकों को डारमेट्री को साफ कराना पड़ता था। डारमेट्रियों की यह हालत देख आयोजकों ने खिलाड़ियों को अन्य स्थानों पर ठहराना शुरू कर दिया।
इस हालत को देखकर तत्कालीन मण्डलायुक्त मुकेश मेश्राम की पहल पर इन डारमेट्रियों को सुधारने का काम स्मार्ट सिटी योजना के तहत नगर निगम को सौंपा गया है। नगर निगम ने काम शुरू भी कर दिया है। इंजीनियर विकास कुमार के मुताबिक काम दिसम्बर के अंत तक पूरा हो जाएगा। डारमेट्रियों के सभी दरवाजे और खिड़कियां नई लगवाई जा रही हैं। शौचालयों को सुधार गया है। यहां गंदे पानी की निकासी की सबसे बड़ी समस्या थी। इससे आसपास के क्षेत्र में गंदा और बदबूदार पानी भर जाता था। नई सीवर लाइन डाली जा रही है। नए सिरे से रंगाई-पुताई होगी। फर्श पर नए पत्थर और टाइल्स लगाए जाएंगे। फिलहाल करीब डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च है। यह बढ़ भी सकता है।
खेल विभाग डारमेट्री में प्रति खिलाड़ी 20 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लेता है। डारमेट्री नई हो जाने के बाद विभिन्न टीमों के खिलाड़ी यहीं रुक सकेंगे। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खिलाड़ी खेलें और वहीं रुकेंगे। यही नहीं अन्य स्थानों पर हो रही प्रतियोगिताओं के खिलाड़ी भी इसमें रुक सकेंगे।
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र कुमार यादव ने बताया केडी सिंह बाबू स्टेडियम अगले साल की शुरुआत तक नए रूप में नजर आएगा। स्टेडियम के भीतर सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम लग जाएगा। मैदान के किनारों पर बेरीकेडिंग जाली लग जाएगी। यही नहीं डारमेट्री की तरफ की सड़क भी बन जाएगी।