दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगे के मामलों में दाखिल चार आरोपपत्रों पर संज्ञान लिया। इनमें से दो आरोपपत्र आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन और दो आरोपपत्र राजधानी स्कूल मालिक के खिलाफ हैं।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने शिव विहार इलाके स्थित राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक और 17 अन्य के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जिसमें आरोप है कि वे पास के डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल को दंगों के दौरान आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल थे।
इसके साथ ही अदालत ने दो आरोपपत्रों पर संज्ञान लिया – एक ताहिर हुसैन और नौ अन्य के खिलाफ और दूसरा ताहिर हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ- जो खजूरी खास में दंगों से जुड़े हैं। अदालत ने कहा कि इन आरोपपत्रों में मामले को संज्ञान में लेने के लिए पर्याप्त सामग्री है।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी