बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव से पूछा है कि वे बताएं कि 2015 में पहली बार विधायक बनने से पहले ही वे करोड़ों की चल-अचल सम्पत्ति के मालिक कैसे बन गए थे। 29 लाख की बीएमडब्ल्यू कार और 15 लाख की अमेरिकन रेसिंग बाइक का शौक रखने वाले तेज प्रताप यादव की आय का स्रोत क्या था। क्या तेजप्रताप बिहार के युवकों को बिना नौकरी, बिजनेस किए सम्पति अर्जित करने का टिप्स देंगे।
बुधवार को जारी बयान में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तेज प्रताप 26 भूखंडों व 2 मकानों के भी मालिक हैं। ये दोनों मकान इन्हें स्व. रघुनाथ झा व कांति सिंह द्वारा गोपालगंज एवं पटना में गिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही पटना के दो मंजिला टिस्को गेस्ट हाउस को जिस फेयरग्रो होल्डिंग कम्पनी के माध्यम से खरीदा गया, उसके कई निदेशकों में एक यह भी हैं। पूर्व विधान पार्षद मो. शमीम व राकेश रंजन तथा उनकी पत्नियों द्वारा वसीयत के जरिए इन्हें 4 प्लॉट मिला हुआ है। औरंगाबाद में 7 प्लॉट (54 डिसमिल जमीन) के मालिक हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि तेज प्रताप यादव को बताना चाहिए कि राजनेताओं ने अपने मकान व प्लॉट उन्हें दान क्यों किया। आखिर ये सारी सम्पतियां उन्होंने कब और कैसे हासिल की। करोड़ों की सम्पति बनाने के लिए उनकी आय का वैध स्रोत क्या था।
140 हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे राजद प्रत्याशी तेज प्रताप के पास 29 लाख की बीएमडब्ल्यू कार और 15 लाख की 1000 सीसी की रेसिंग बाइक है। इसके अलावा राजद नेता तेज प्रताप के पास 100 ग्राम ज्वेलरी है, जिसकी कीमत तकरीबन 4,26,300 रुपये है। नामांकन पत्र के साथ दिये गये हलफनामे में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 2,51,63,509 रुपये दर्शायी है, जो 2015 में महुआ विधानसभा क्षेत्र के नामांकन के साथ दिए गए हलफनामे के समय से 50 लाख अधिक है। मतलब बीते पांच साल में इनकी संपत्ति में मात्र 50 लाख का इजाफा हुआ है। इनके पांच बैंक खातों में कुल 14, 87, 371 रुपये है, जो 2015 की तुलना में 10 लाख अधिक है।
कैश इन हैंड के मामले में तेज प्रताप आमलोगों की तरह हैं। इन्होंने दिए गए संपत्ति के ब्यौरे में मात्र सवा लाख रुपये नकद होने का जिक्र किया है। इनके द्वारा विभिन्न शेयरों में 25,10,000 रुपये का निवेश भी किया गया है। उन्होंने एक लैपटॉप और एक डेस्कटॉप होने का भी जिक्र किया है। वहीं तेज प्रताप के ऊपर 33 लाख के ऋण का बोझ भी है।
पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की साली करिश्मा राय को आखिरकार दानापुर सीट से टिकट नहीं मिला। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस सीट से रीतलाल को टिकट दे दिया है। करिश्मा राय ने अपने चाचा और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय के परिवार का विरोध करके राजद ज्वाइन की थी। उन्होंने परसा और दानापुर सीट से अपनी दावेदारी की थी। दानापुर क्षेत्र में वह पिछले एक महीने से प्रचार भी कर रही थीं। दोनों ही सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। परसा से राजद ने छोटे लाल राय तो दानापुर से रीतलाल को टिकट दिया है। रीतलाल की उम्मीदवारी तय होने के साथ ही करिश्मा के लिए इस बार चुनाव लड़ने की उम्मीद खत्म हो गई है।