उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से गैंगरेप और मौत की घटना ने एक बार फिर से निर्भया कांड की याद दिला दी है। हाथरस में दलित लड़की के साथ बीते दिनों गैंगरेप किया गया, उसकी जीभ काट ली गई और उसकी रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी गई। इसके बाद पीड़िता करीब 15 दिनों तक जिंदगी-मौत से जूझती रही लेकिन मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद मंगलवार की देर रात आनन-फानन में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जबरन और उनकी मर्जी के खिलाफ देर रात अंतिम संस्कार किया है, बल्कि पुलिस इन आरोपों से इनकार कर रही है।
अंतिम संस्कार किए जाने के बाद हाथरस गैंगरेप पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी मर्जी से अंतिम संस्कार किया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पीड़िता के भाई ने बताया, ‘ नहीं, उन्होंने अपनी मर्जी से ऐसा किया। हम डरे हुए हैं। पुलिस ने हमें शव को श्मशान स्थल तक ले जाने के लिए मजबूर किया। हमने कहा कि हम सुबह में अंतिम संस्कार करेंगे।’
उन्होंने आगे कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को फांसी होनी चाहिए। डर की वजह से हम अंदर(घर के) हैं, प्रशासन ने बहुत दबाव डाला हुआ है। हमें लोकल पुलिस पर भरोसा नहीं है।
वहीं, परिवार के इन आरोपों से डीएम ने इनकार किया है। हाथरस के डीएम ने कहा कि पीड़िता का अंतिम संस्कार परिवार की समहति के बगैर किया गया, यह पूरी तरह से गलत है। रात में अंतिम संस्कार करने के लिए पीड़िता के भाई और पिता ने सहमति दी थी। इस दौरान परिवार के लोग भी मौजूद थे। पीड़ित के शव को ले जाने वाले वाहन 12:45 बजे से 2:30 बजे तक गांव में मौजूद थे।
बता दें कि हाथरस गैंगरेप कांड में पीड़िता की मौत और उसके बाद परिवार की मर्जी के खिलाफ जबरन अंतिम संस्कार के आरोप पर यूपी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है।
सीएम ने पूरे घटनाक्रम पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए टीम को घटना की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समयबद्ध ढंग से जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं। गौरतलब है कि इस मामले में चारों आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। सीएम ने उनके खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाकर जल्द से जल्द सजा दिलाने का भी आदेश दिया।
गौरतलब है कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने कल आखिरी सांस ली और उसके बाद अस्पताला के बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है।