सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले से जुड़े ड्रग केस में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पिछले 15 दिनों से मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। हालांकि, रिया चक्रवर्ती ने अपनी जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। बुधवार को ही यह सुनवाई होनी थी, मगर भारी बारिश के चलते कोर्ट ने छुट्टी का ऐलान कर दिया, जिसकी वजह से आज इस मामले की सुनवाई होगी।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती ने बंबई उच्च न्यायालय (बॉम्बे हाईकोर्ट) में दायर जमानत याचिका में कहा है कि वह निर्दोष हैं और मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ‘जानबूझ कर’ उन पर और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि वह ‘विच हंट’ (संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश अभियान) का शिकार हुई हैं। हाईकोर्ट में मंगलवार को दायर जमानत याचिका में चक्रवर्ती ने कहा है कि वह सिर्फ 28 साल की हैं और एनसीबी की जांच के अलावा, वह साथ ही साथ पुलिस और केंद्रीय एजेसियों की तीन जांच और ‘समानांतर मीडिया ट्रायल’ का सामना कर रही हैं। दरअसल, वह मुंबई पुलिस, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), एनसीबी, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांचों का हवाला दे रही थीं।
रिया चक्रवर्ती ने कहा कि यह सब उसके ‘मानसिक स्वास्थ्य और सेहत पर बुरा असर डाल रहा है।’ उन्होंने अपने वकील के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि हिरासत की अवधि बढ़ने से उनकी मानसिक स्थिति और भी बिगड़ जाएगी। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की एकल पीठ के समक्ष बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। मगर मुंबई में भारी बारिश की वजह से उच्च न्यायालय ने बुधवार की कार्यवाही स्थगित कर दी और अब इन पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है।
रिया चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में दावा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स खास तौर पर गांजा का सेवन करते थे और वह तब से इसका सेवन कर रहे थे, जब वे दोनों संबंध में भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि कभी-कभी वह उनके लिए ‘कम मात्रा में ड्रग्स की खरीद भी करती थीं और कई अवसरों पर उन्होंने इसके लिए भुगतान भी किया।’ लेकिन वह खुद किसी भी ड्रग्स गिरोह की सदस्य नहीं हैं। उन्होंने दावा कि सिर्फ सुशांत राजपूत ही ड्रग्स का सेवन करते थे।
याचिका में कहा, ‘आवेदक (चक्रवर्ती) निर्दोष हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।’ उन्होंने याचिका में कहा कि वह ‘विच-हंट’ का शिकार हुई हैं क्योंकि सीबीआई और ईडी उनके खिलाफ सबूत जुटाने में असफल रही और एनसीबी को उन्हें और उनके परिवार को फंसाने के लिए लाया गया। चक्रवर्ती पर एनसीबी ने कई आरोपों के लिए मामला दर्ज किया है, इसमें मादक पदार्थ की अवैध तस्करी का वित्तपोषण करना भी शामिल है। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 27-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और यह धारा आरोपी को जमानत देने पर रोक लगाती है।
रिया ने कहा कि उन्हें एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27-ए के तहत गलत तरीके से फंसाया गया है। और जब उनके पास से कोई मादक पदार्थ जब्त नहीं किया गया और एनसीबी सभी आरोपियों के पास से सिर्फ 59 ग्राम मादक पदार्थ जब्त करने में सफल रही तो जमानत पर रोक लगाने का नियम उन पर लागू नहीं होता है। एनडीपीएस अधिनियम के तहत मादक पदार्थों की बिक्री, खरीद, निर्माण, और अवैध तस्करी के अपराधों में छह महीने से लेकर 20 साल तक की सजा और कुछ हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति कोतवाल के सामने इसी तरह का तर्क सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत के वकीलों ने दिया था। ये सभी इस मामले में सह आरोपी हैं। गौरतलब है कि राजपूत (34) गत 14 जून को बांद्रा में स्थित अपने आवास पर मृत मिले थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र की तीन एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।