मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित तेजाजी नगर थाने में एक एनआरआई के साथ अभद्रता करने का मामला सामने आया है। एनआरआई ने पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचकर टीआई, थाने के सिपाही और पूर्व पार्षद के खिलाफ शिकायत की है। 30 साल से स्पेन में रह रहे दिलीप कुमार मंगानी ने माटा की कॉलोनी गैलेक्सी पार्क में 2013 में एक प्लॉट लिया था। 2015 में रजिस्ट्री करवाई। 2020 में वे घर बनाने के लिए आए तो नक्शा पास करवाने के लिए आवेदन दिया। तब पता चला कि उनका रजिस्टर्ड प्लॉट तो प्रशासन के पास बंधक है।
प्रशासन से कहा कि जब प्रॉपर्टी बंधक है तो तुम्हें रजिस्ट्री कैसे कर दी। एनआरआई ने इसकी शिकायत माटा से की तो उसने कहा कि इंडिया में ऐसा ही होता है। 6 महीने में व्यवस्था करवा देंगे। इसके बाद एनआरआई ने 15 दिन पहले कलेक्टोरेट, एसपी और डीआईजी कार्यालय में आवेदन दिया, लेकिन वहां कुछ नहीं हुआ। दो दिन पहले एनआरआई ने एसपी विजय खत्री से संपर्क किया। उन्होंने तेजाजी नगर थाने भेजा। एनआरआई का कहना है कि उन्होंने टीआई को फोन लगाया और फिर तय समय पर शुक्रवार शाम 6 बजे थाने पहुंचे गए। रात 8 बजे तक टीआई ने सुनवाई नहीं की। आपत्ति जताने पर टीआई गाली देने लगे।
एनआरआई ने इसकी रिकार्डिंग कर ली। फिर वे जाने लगे तो टीआई दौड़े। उसे पीछे से पकड़ा। फिर सिपाहियों को बुलाकर हवालात के पास पकड़कर ले गए। फिर सिपाहियों ने पीटा। उनके कपड़े उतारकर बैठा दिया। 20 मिनट बाद सिपाही आए। बोले लिखकर दो कि तुमने टीआई को मारा और गालियां दी।
एनआरआई ने मना किया तो आधा घंटे और बैठाया। एनआरआई का कहना है कि पुलिस ने धमकाकर कागज पर लिखवाया और फिर छोड़ा। वहीं, टीआई का कहना है कि एनआरआई ने गैलेक्सी पार्क में 7 प्लॉट बुक करवाए हैं। तीन की रजिस्ट्री हो चुकी है, चार की बाकी है। दो प्लाट बंधक होने की बात सामने आई है। इस पर गैलेक्सी पार्क वालों का कहना है वे रजिस्ट्री करवाने को तैयार हैं।
एनआरआई का कहना है कि प्लाट बंधक है कैसे ले लूं। इसको लेकर दोनों में विवाद है। वह कल आया था। यहां कोई अभद्रता नहीं हुई। वह दबाव बनाकर तत्काल एफआईआर दर्ज करवाना चाहता था, जबकि बिना जांच के एफआईआर कैसे कर सकते हैं।