- Last updated: Mon, 27 Apr 2020
हरियाणा में यूपी के रहने वाले श्रमिकों को प्रदेश के परिवहन निगम की रोडवेज बस से उनके जिलों में पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है। अब तक करीब 365 रोडवेज बसों से श्रमिकों को उनके गृह जनपद के लिए रवाना किया जा चुका है। सोमवार की सुबह नौ बसों का पहला बेड़ा गोरखपुर पहुंचा। कुल 40 बसें आनी हैं। यहां आने वाले मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। मजदूरों को यहां से उनके तहसील मुख्यालयों पर भेजा जा रहा है। 34 दिन तक दूसरे प्रदेश में फंसे होने के बाद अपने शहर पहुंचने के बाद इनके चेहरे पर हंसी है। हर कोई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कर रहा है। कोल हरियाणा से आए गोरखपुर के सहजनवां डुमरी निवास ऋषिकेश का कहना है कि हमें वहां खाना तो मिल रहा था लेकिन हमारे पास पैसे खत्म हो गए थे। यूपी के मुख्यमंत्री ने हम गरीबों के दर्द को समझा और हमें अपने घर आने का मौका दिया। वरना हमें तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि घर कैसे पहुंचेंगे।
परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार उन्होंने करीब 10 हजार श्रमिकों को लाने के लिए 400 बसों की व्यवस्था कर रखी है। इन श्रमिकों को हरियाणा की रोडवेज बसें हरियाणा की सीमा से लगे शामली, बागपत, मथुरा, अलीगढ़ और सहारनपुर जिलों की सीमाओं तक लाईं। वहां इन श्रमिकों की स्क्रीनिंग के लिए पहले से ही डॉक्टरों की टीमें मौजूद थीं। वहां उनकी पूरी जांच के बाद ही यूपी रोडवेज की बसों में बिठाया गया। इसके साथ ही जिन जिलों में श्रमिकों को भेजा जा रहा है, वहां के जिलाधिकारी को भी श्रमिकों की पूरी सूची मय मोबाइल नम्बर और पते के साथ भेजी गई है। अपने जिले में पहुंचकर भी वहां का प्रशासन इन श्रमिकों की एक बार से स्क्रीनिंग करा रहा है। उसके बाद ही उन्हें घर भेज रहा है। साथ ही श्रमिकों को हिदायत दी जा रही है कि वे 14 दिन तक अपने घर में ही क्वारंटाइन रहें। शनिवार को हरियाणा रोडवेज की बसों ने शनिवार को अपनी 82 बसें लगाकर हरियाणा राज्य के आसपास के यूपी के 16 जिलों में 2,224 मजदूरों को उनके जिलों में पहुंचाया था। वहां के जिला प्रशासन ने स्क्रीनिंग कर उन श्रमिकों को उनके घर भेजा था।